झारखंड मुक्ति मोर्चा की नेता और जामा विधानसभा सीट से विधायक सीता सोरेन ने मंगलवार को पार्टी और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। झारखंड चुनाव प्रभारी और राज्यसभा सदस्य लक्ष्मीकांत बाजपेयी और पार्टी के महासचिव विनोद तावड़े ने उनका स्वागत किया। सीता सोरेन झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी हैं।
#WATCH | Delhi: Former JMM MLA and sister-in-law of former Jharkhand CM Hemant Soren- Sita Soren joins BJP. pic.twitter.com/HiG9Nlsm8I
— ANI (@ANI) March 19, 2024
भाजपा की सदस्यता लेने के बाद सीता सोरेन ने कहा कि वह झारखंड को बचाने के लिए भाजपा में शामिल हुई हैं। उनके ससुर शिबू सोरेन और पति दुर्गा सोरेन की अगुवाई में अलग झारखंड राज्य की लड़ाई लड़ी गयी। अलग झारखंड राज्य बना लेकिन राज्य का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया। आज देश की जनता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व पर भरोसा जाता रही है। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हो रही हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड को झुकाना नहीं, बचाना है। सभी 14 सीटों पर कमल खिलेगा।
Jama MLA and sister-in-law of former Jharkhand CM Hemant Soren- Sita Soren joins BJP
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सीता मुर्मू सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख शिबू सोरेन की बहू, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी और दिवंगत दुर्गा सोरेन की पत्नी हैं। झारखंड की जामा विधानसभा क्षेत्र से वह विधायक चुनी गईं थीं। पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव के रूप में नियुक्त किया था। इसके बाद 2014 में उन्होंने दोबारा चुनाव लड़ा और उसी सीट से दोबारा विधायक बनीं। साल 2019 में जामा विधानसभा सीट से तीसरी बार विधायक चुनी गयी।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने क्या कहा?
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, “सीता सोरेन जी मेरे परम मित्र स्वर्गीय दुर्गा सोरेन जी की धर्म पत्नी हैं. उन्होंने उचित समय पर उचित निर्णय लिया. हेमंत सोरेन जी ने भ्रष्टाचारी सरकार दी,कल्पना सोरेन जी को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं. दुर्गा सोरेन जी का संघर्ष हेमंत ख़त्म करना चाहते हैं. अगला नम्बर आंदोलन कारी चम्पाई सोरेन जी का है. सीता भाभी को बधाई.”
#WATCH | Taranjit Singh Sandhu, Former Ambassador of India to the US and Sita Soren, former JMM MLA and sister-in-law of ex-Jharkhand CM Hemant Soren, meet BJP national president JP Nadda after joining the party in Delhi. pic.twitter.com/XcD6vMAXh0
— ANI (@ANI) March 19, 2024
जेएमएम को बड़ा झटका
सीता के इस्तीफे को झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. शिबू सोरेन के बाद दुर्गा सोरेन ही उनके स्वाभाविक उत्तराधिकारी माने जा रहे थे, लेकिन उनके आकस्मिक निधन के बाद हेमंत सोरेन पिता की विरासत संभालने आगे आए थे. सीता सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा की केंद्रीय महासचिव थीं और संथाल परगना के जामा क्षेत्र से विधायक चुनी गई थीं.
इस्तीफे में सीता सोरेन ने क्या कहा?
सीता सोरेन ने विधानसभा अध्यक्ष को भेजे इस्तीफे में लिखा है कि मैंने विभिन्न कारणों से झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है. मैं झारखंड मुक्ति मोर्चा के सिम्बल पर जामा विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान विधायक हूं. नैतिकता का तकाजा है कि पार्टी छोड़ने से उत्पन्न परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए विधायक पद का भी परित्याग कर रही हूं.इ
सके पहले मंगलवार की सुबह सीता सोरेन ने पार्टी के अध्यक्ष शिबू सोरेन को मेल के जरिए भेजे गए पत्र में आरोप लगाया है कि पार्टी और परिवार में उनकी लगातार उपेक्षा की जा रही है. उन्होंने पत्र में लिखा है, मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ भी एक गहरी साजिश रची जा रही है.
उन्होंने कहा, “मैं अत्यन्त दुःखी हूं. मैनें यह दृढ़ निश्चय किया है कि मुझे झारखंड मुक्ति मोर्चा और इस परिवार को छोड़ना होगा. अतः मैं अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं.”
शिबू सोरेन उर्फ गुरुजी को लिखे पत्र में कहा, “आपके समक्ष अत्यन्त दुःखी हृदय के साथ अपना इस्तीफा प्रस्तुत कर रहीं हूं. मेरे पति दुर्गा सोरेन झारखंड आंदोलन के अग्रणी योद्धा और महान क्रांतिकारी थे. उनके निधन के बाद से ही मैं और मेरा परिवार लगातार उपेक्षा का शिकार रहे हैं. पार्टी और परिवार के सदस्यों द्वारा हमें अलग-थलग किया गया है, जो कि मेरे लिए अत्यन्त पीड़ादायक रहा है.”
इसके साथ ही उन्होंने कहा, “मैंने उम्मीद की थी कि समय के साथ स्थितियां सुधरेंगी, परन्तु दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ. झारखडं मुक्ति मोर्चा को मेरे पति ने अपने त्याग, समर्पण और नेतृत्व क्षमता के बल पर एक महान पार्टी बनाया था, आज वह पार्टी नहीं रही. मुझे यह देखकर गहरा दुःख होता है कि पार्टी अब उन लोगों के हाथों में चली गयी है, जिनके दृष्टिकोण और उद्देश्य हमारे मूल्यों और आदर्शों से मेल नहीं खाते.”