केंद्र सरकार ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति मामले पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है। चुनाव आयुक्तों के चयन में मुख्य न्यायाधीश को शामिल न करने के चलते नियुक्ति रद्द करने की मांग का केंद्र सरकार ने विरोध किया है।
नियुक्ति रद्द करने की मांग का केंद्र ने किया विरोध
केंद्र ने अधिनियम पर रोक लगाने की मांग करने वाले आवेदनों का विरोध करते हुए कहा है कि चुनाव आयोग या किसी अन्य संगठन या प्राधिकरण की स्वतंत्रता का सवाल ही नहीं उठता और यह चयन समिति में न्यायिक सदस्य की उपस्थिति के कारण नहीं है।
Centre files affidavit in the Supreme Court on pleas seeking stay on the CEC and Other Election Commissioners Act, 2023, which dropped Chief Justice of India from selection panel from Election Commissioners.
Centre opposing the applications seeking stay on the Act, says that the… pic.twitter.com/Dyx48HA4u8
— ANI (@ANI) March 20, 2024
हलफनामे में क्या कहा?
हलफनामे में कहा गया है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त अधिनियम, 2023 चुनाव आयोग की उच्च संवैधानिक संस्था की रक्षा करता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में निर्धारित सिद्धांतों का पालन करते हुए आयोग के कामकाज के लिए और भी अधिक लोकतांत्रिक और सहभागी वैधानिक तंत्र का निर्माण करता है।
‘चुनाव आयुक्तों की योग्यता पर सवाल नहीं’
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब में केंद्र ने कहा कि यह दलील गलत है कि आयोग तभी स्वतंत्र होगा, जब चयन समिति में जज हों। चुनाव आयुक्तों की योग्यता पर सवाल नहीं है। इस याचिका का मकसद सिर्फ राजनीतिक विवाद को खड़ा करना है।
सर्च कमेटी ने भेजे थे नाम
सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा कि दोनों चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति नियम-कानून के आधार पर की गई है, इससे पहले सर्च कमेटी ने बड़े पैमाने पर सभी तथ्यों पर गौर किया और फिर समिति को नाम आगे भेजा गया. ऐसे में एडीआर समेत इस मामले में दायर सभी अर्जियों को खारिज किया जाना चाहिए.
याचिका का मकसद राजनीतिक विवाद खड़ा करना
सरकार ने हलफनामे में ये भी कहा कि जो भी याचिकाएं दाखिल की गई हैं, उनमें किसी तरह का कानूनी पहलू नहीं उठाया गया है, ऐसे में नए कानून के तहत की गई नियुक्तियों पर रोक लगाने का कोई भी कानूनी आधार नहीं है. याचिकाकर्ता का मकसद सिर्फ राजनीतिक विवाद खड़ा करना है.
ये चुने गए थे चुनाव आयुक्त
सरकार की ओर से नौकरशाह सुखबीर सिंह संधू और ज्ञानेश कुमार को चुनाव आयुक्त बनाया गया था. तीन सदस्य पैनल ने इनकी नियुक्ति की थी, जिसकी अध्यक्षता पीएम मोदी कर रहे थे. पैनल में गृहमंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी भी शामिल थे. ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू 1988 बैच के सेवानिवृत्त IAS अधिकारी हैं, संधू उत्तराखंड कैडर के थे और ज्ञानेश कुमार केरल कैडर के अधिकारी थे.