तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। पहले लोकसभा से निलंबन और अब मानहानि मामले में टीएमसी नेता घिरती दिख रही हैं। वकील जय अनंत देहाद्राई ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया है।
अधिवक्ता जय अनंत देहाद्राई द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे में दिल्ली हाईकोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा को समन जारी किया है। न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने मामले पर मोइत्रा को जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले में अगली सुनवाई आठ अप्रैल को होगी।
अदालत ने मामले में कई मीडिया संस्थानों को भी समन जारी किया है। मुकदमे पर अंतरिम राहत की मांग करते हुए देहाद्राई ने आरोप लगाया है कि मोइत्रा ने इंटरनेट मीडिया के साथ-साथ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर उनके खिलाफ अपमानजनक बयान दिए हैं।
अपमानजनक बयानों के लिए 2 करोड़ के मुआवजे की मांग
वकील जय अनंत ने मानहानि के मुकदमे में महुआ मोइत्रा मीडिया में जय अनंत देहाद्राई के बारे में दिए गए विभिन्न अपमानजनक और अपमानजनक बयानों के लिए 2 करोड़ के मुआवजे की मांग किया है।
क्या है मामला?
महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था, वह पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से सांसद थीं। मोइत्रा ने पिछले साल अक्टूबर में दायर अपनी याचिका में दुबे, वकील देहाद्रई, सोशल मीडिया मंच ‘एक्स, सर्च इंजन गूगल, यूट्यूब और 15 मीडिया संस्थानों को उनके खिलाफ अपमानजनक और दुर्भावनापूर्ण बयानों के प्रकाशन, प्रसारण से स्थायी रूप से रोके जाने का अनुरोध किया है।
बाद में उन्होंने पक्षकारों की सूची से सभी मीडिया घरानों और सोशल मीडिया कंपनियों को हटा दिया तथा केवल दुबे और देहाद्रई के खिलाफ अपना मामला बनाए रखा।
दुबे ने मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए कारोबारी और हीरानंदानी समूह के मुख्य कार्यकारी (सीईओ) दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया था। अधिवक्ता देहाद्रई से प्राप्त एक पत्र का हवाला देते हुए दुबे ने कहा था कि वकील ने उनके साथ व्यवसायी द्वारा कथित तौर पर टीएमसी नेता को रिश्वत दिए जाने के “अकाट्य’ सबूत साझा किए हैं।”