प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि उन्होंने एक मनी ट्रेल का खुलासा किया है, जिससे ये पता चलता है कि आम आदमी पार्टी को दिल्ली शराब नीति मामले में 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली थी और AAP ने दिल्ली शराब नीति से मिले इस पैसे का इस्तेमाल पंजाब और गोवा चुनाव में किया. जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार मामले में ‘किंगपिन’ हैं.
ईडी का कहना है कि दिल्ली शराब नीति 2021-22 ने थोक विक्रेताओं के लिए 12 प्रतिशत और खुदरा विक्रेताओं के लिए लगभग 185 प्रतिशत का असाधारण हाई प्रॉफिट मार्जिन दिया. दिल्ली शराब नीति मामले की जांच का मुख्य फोकस बिचौलियों, व्यापारियों और राजनेताओं के एक कथित नेटवर्क पर था, जिसे केंद्रीय एजेंसियों ने “साउथ ग्रुप” कहा है.
जांच एजेंसी के आज अदालत में किए गए दावे :-
- अरविंद केजरीवाल इस मामले में ‘किंगपिन’ और मुख्य साजिशकर्ता हैं. प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा, “वो सीधे तौर पर नीति के कार्यान्वयन और साउथ ग्रुप को लाभ पहुंचाने में शामिल हैं.”
- ईडी ने उनकी हिरासत की मांग करते हुए अदालत को बताया कि अरविंद केजरीवाल ने पंजाब चुनाव के लिए ‘साउथ ग्रुप’ के कुछ आरोपियों से ₹100 करोड़ की मांग की.
- जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि अपराध की आय में न केवल ₹100 करोड़ की रिश्वत ली गई, बल्कि रिश्वत देने वालों द्वारा कमाया गया मुनाफा भी शामिल है और ये ₹600 करोड़ से अधिक था.
- सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ”साउथ ग्रुप से मिले 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने 2021-22 में गोवा चुनाव कैंपेन में किया.”
- एजेंसी ने हवाला की ओर इशारा करते हुए कहा कि पैसा 4 रास्तों से गोवा आया.
सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल ने वापस ली याचिका
वहीं सुप्रीम कोर्ट से अरविंद केजरीवाल ने अपनी याचिका भी वापस ले ली है. अभिषेक मनु सिंघवी ने यह जानकारी जस्टिस संजीव खन्ना के साम दी. उन्होंने कहा इस मामले में हम अपनी बात निचली अदालत में रखेंगे. अब सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल मामले की सुनवाई नहीं होगी. बता दें कि के. कविता ने भी सुप्रीम कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिसपर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें निचली अदालत जाने को कहा.