लोकसभा चुनाव के पहले चरण में सूबे की चार सीटों के लिए मतदान होना है. इन सीटों के लिए 19 अप्रैल को मतदान होना है. नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है लेकिन विपक्षी महागठबंधन में सीटों का बंटवारा अभी तक नहीं हो सका है. बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं और गठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के साथ ही कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियां भी शामिल हैं.
बिहार में 40 सीटें हैं, चार पार्टियां हैं और सीट शेयरिंग की गुत्थी कुछ सीटों पर आकर उलझ गई है. कुछ सीटें ऐसी हैं जिन पर कांग्रेस और आरजेडी, दोनों ही दल दावा कर रहे हैं तो वहीं कुछ सीटों पर लेफ्ट भी दावा कर रहा है. जिन सीटों को लेकर महागठबंधन में सीट शेयरिंग फंसा हुआ है, उनमें औरंगाबाद, बेगूसराय, कटिहार, सिवान के साथ ही पूर्णिया और कटिहार की सीटें शामिल हैं.
आरजेडी ने औरंगाबाद से उम्मीदवार भी उतार दिया है. पार्टी ने अभय कुशवाहा को टिकट दिया है जिसे लेकर कांग्रेस नाराज बताई जा रही है. बेगूसराय सीट पर भी कांग्रेस और आरजेडी के बीच मामला फंसा था लेकिन इसी बीच जब लालू ने उम्मीदवारों का एकतरफा ऐलान शुरू किया तो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने अवधेश राय को टिकट दे दिया.
पूर्णिया लोकसभा सीट पर भी आरजेडी-कांग्रेस में खींचतान जारी है. कांग्रेस इस सीट से पप्पू यादव को उतारना चाहती हैं, वहीं आरजेडी बीमा भारती को उम्मीदवार बनाना चाहती है. पप्पू यादव ने हाल ही में अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया था तो वहीं बीमा भारती भी विधायक रहते जेडीयू छोड़कर लालू की पार्टी में आई हैं. सिवान से बिहार विधानसभा के पूर्व स्पीकर अवधबिहारी चौधरी आरजेडी से टिकट के दावेदार हैं. कांग्रेस तारिक अनवर के लिए कटिहार की सीट चाहती है.
आरजेडी और कांग्रेस के बीच सीटों की खींचतान में लेफ्ट पार्टियां भी कूद पड़ी हैं. भाकपा बेगूसराय से उम्मीदवार का ऐलान कर चुकी है और पार्टी जहानाबाद, मधुबनी और बांका सीट पर भी दावेदारी कर रही है. सिवान सीट को लेकर भी भाकपा और भाकपा माले आमने-सामने हैं. माकपा ने भी खगड़िया सीट से संतोष कुमार का टिकट फाइनल कर दिया है.