श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि भारत की वजह से हिन्द महासागर क्षेत्र में तेज तरक्की होती रहेगी। उन्होंने भारत की डिजिटल पेमेंट में उपलब्धियों की भी प्रशंसा की। उन्होंने भारत में शून्य की खोज को लेकर भी बात की। राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने यह बातें एक कार्यक्रम में कहीं।
राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे कोलम्बो में आयोजित डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर मीट को संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम कोलम्बो में स्थित भारतीय दूतावास और श्रीलंका के तकनीक मंत्रालय ने मिल कर आयोजित करवाया है।
"Copying what India is doing", says Sri Lanka Prez on Digital infrastructure; Explains 'spoke with PM Modi..we would like to go with India', highlighting India's past, including discovering "Zero" pic.twitter.com/bjvOBvoWjZ
— Sidhant Sibal (@sidhant) March 26, 2024
राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा, “भारत ने शून्य की खोज की, दुनिया आज कहाँ होती अगर शून्य की खोज भारत ने नहीं की होती। हम उस बात की कॉपी करेंगे जो भारत ने किया है। इससे हमें अपने विकास में 4-5 वर्षों की बढ़त मिलेगी।”
उन्होंने कहा कि डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में वह आगे बढना चाहते हैं। ऐसे में भारत इसके लिए सबसे अच्छा सहयोगी होगा। उन्होंने कहा कि वह अपने देश में डिजिटल पब्लिक इन्फ्रा को बढ़ाने के लिए भारत की मदद लेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई है कि भारत उनका सहयोग करेगा।
भारत की आर्थिक प्रगति को लेकर भी उन्होंने बात की। उन्होंने कहा, “श्रीलंका को एक अच्छी अर्थव्यवस्था बनना होगा। हम उस इलाके में हैं जो अगले दशकों में तरक्की का केंद्र होगा, यह बदलाव जापान और चीन की तरफ से हिन्द महासागर में होगा। भारत इस दौरान तेज तरक्की करेगा और श्रीलंका इसके पास में होगा।”
This region will be a growth region in the next few decades , A shift from Japan & China to the Indian Ocean. We have India which will grow fast, says Sri Lanka Prez Ranil Wickremesinghe pic.twitter.com/EVIJv9xlBN
— Sidhant Sibal (@sidhant) March 26, 2024
राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने भारत की तेज आर्थिक प्रगति से फायदा लेने की बात कही है। उन्होंने श्रीलंका में IIT का नया कैम्पस बनाने के लिए भारत को धन्यवाद दिया और इसे भी सहयोग का एक क्षेत्र बताया। उन्होंने यह भी कहा कि जब हमें सहायता चाहिए थी तो भारत सबसे अच्छा सहयोगी निकल कर आया। भारत का भुगतान सिस्टम UPI वर्तमान में श्रीलंका में भी चलता है। भारत श्रीलंका को उसका खुद का डिजिटल इन्फ्रा बनाने में भी सहायता कर रहा है।
गौरतलब है कि भारत श्रीलंका को आर्थिक सहायता से लेकर अन्य कई क्षेत्रों में सहयोग कर रहा है। श्रीलंका में 2022 के दौरान भारी आर्थिक संकट आया था जिसके बाद भारत ने 4.8 बिलियन डॉलर (लगभग ₹40,000 करोड़) का कर्ज और तेल, राशन तथा दवाइयाँ दी थी। भारत श्रीलंका को आर्थिक स्थिरता के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से कर्ज पाने में भी सहायता कर रहा है। भारत, आर्थिक संकट के बाद से श्रीलंका के साथ खड़ा है।