बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड में लखनऊ की सीबीआई अदालत ने सभी सात आरोपियों को दोषी करार दे दिया है। इनमें से 6 को उम्र कैद की सजा के साथ 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं, एक को 4 साल की जेल के साथ 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीएसपी एमएलए राजू पाल की प्रयागराज में साल 2005 में दिनदहाड़े गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया गया था। उन्हें धूमनगंज में मौत के घाट उतारा गया था। इस हत्याकांड को राजनीतिक दुश्मनी के चलते अंजाम दिया गया था। विधानसभा चुनाव में अशरफ को हराने के चलते राजू पाल की प्रयागराज में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या से सिर्फ 9 दिन पहले राजू पाल और पूजा पाल की शादी हुई थी। पूजा पाल 2007 से 2017 तक विधायक रही, और साल 2022 में वो सपा के टिकट पर फिर से विधायक चुनी गई हैं।
इस तिहरे हत्याकांड की जाँच पहले पुलिस, सीबी सीआईडी और आखिर में सीबीआई ने की। सीबीआई की तरफ से अतीक अहमद उसके भाई समेत 10 लोगों को आरोपी बनाया गया था। अब सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने इसरार अहमद, रंजीत पाल, जावेद, गुलशन और अब्दुल कवि को हत्या करने का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। वहीं फरहान को अवैध असलहा रखने के मामले में 4 साल की कैद और 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
अतीक अहमद भी था नामजद
बता दें कि इस मामले में पुलिस हिरासत में मारे गए कुख्यात माफिया अतीक अहमद और अशरफ भी नामजद थे। जिन लोगों को दोषी करार दिया गया है वह आबिद, फरहान, जावेज, अब्दुल कवी, गुल हसन, इसरार और रंजीत पाल हैं। इनमें से जफर को 4 साल के लिए कारावास की सजा सुनाई गई है।
चुनाव हराया तो करवा दी हत्या
बता दें कि माफिया अतीक अहमद पर भाई अशरफ को चुनाव में हराने के बाद राजू पाल की हत्या का आरोप लगा था। बसपा विधायक राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। मौजूदा सपा विधायक पूजा पाल से शादी के 9 दिन बाद ही राजू पाल की हत्या हो गई थी।
चायल से विधायक हैं पूजा पाल
बता दें कि पूजा पाल इस समय कौशांबी जिले में आने वाली चायल विधानसभा सीट से विधायक हैं। इससे पहले वह इलाबाद पश्चिम विधानसभा से भी विधायक रह चुकी हैं। यहां से विधायक वह बसपा के टिकट पर बनी थीं। यही वह सीट थी जिसे लेकर अतीक अहमद ने राजू पाल की हत्या करवाई थी।
इस हमले में राजू पाल को 19 गोलियाँ लगी। उनके साथ गाड़ी में मौजूद रहे संदीप यादव और देवीलाल की भी जान चली गई थी, जबकि राजू पाल के साथ गाड़ी में आगे की सीट पर बैठी रुखसाना घायल हो गई। इस मामले में उमेश पाल चश्मदीद गवाह थे, बाद में उनकी भी हत्या कर दी गई। वहीं, इस हत्याकांड में नामजद अतीक और अशरफ को पुलिस हिरासत के दौरान प्रयागराज में मार दिया गया।