दिल्ली चुनाव आयोग ने कांग्रेस लीडर सुप्रिया श्रीनेत और बीजेपी नेता दिलीप घोष को चेतावनी दी है. आयोग ने कहा कि दोनों नेताओं के बयानों पर नजर रखी जाएगी. आयोग ने आश्वस्त किया कि दोनों नेताओं ने निम्न-स्तरीय व्यक्तिगत हमला करते हुए आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. चुनाव आयोग ने सुप्रिया और दिलीप को आदर्श आचार संहिता के दौरान सार्वजनिक बयानों में सावधानी बरतने की चेतावनी दी है. आयोग ने नैतिक आचार संहिता (MCC) उल्लंघनों पर उन्हें जारी किए गए नोटिस का जवाब मिलने के बाद अपने आदेश में कहा कि वे आश्वस्त हैं कि उन्होंने व्यक्तिगत हमला किया और इस तरह आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया. उन्हें आदर्श आचार संहिता के दौरान सार्वजनिक बयानों में सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है. अगली बार उनके चुनाव संबंधी भाषणों पर आयोग द्वारा विशेष और अतिरिक्त निगरानी रखी जाएगी. बता दें कि चेतावनी नोटिस की एक कॉपी पार्टी अध्यक्षों को भी भेजी जाती है, जिससे वे अपने पदाधिकारियों को पब्लिक डोमेन में स्पीच देते वक्त सावधान रहने और ऐसी किसी भी अपमानजनक टिप्पणी और MCC दिशानिर्देशों के उल्लंघन से बचने के लिए जागरूक कर सकें.
कांग्रेस और BJP अध्यक्ष को भी भेजी वॉर्निंग कॉपी
चुनाव आयोग की ओर से जारी वॉर्निंग नोटिस की एक कॉपी इन दोनों ही दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी भेजी गई है ताकि वे भी अपने इन नेताओं को भाषण के दौरान संयमित रहने और किसी भी अपमानजनक टिप्पणी और MCC दिशा-निर्देशों के उल्लंघन से बचने के लिए जागरूक कर सकें.
कंगना रनौत पर विवादित पोस्ट करने का आरोप
दरअसल, सुप्रिया श्रीनेत पर आरोप है कि उन्होंने पिछले हफ्ते अभिनेत्री और मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी की उम्मीदवार कंगना रनौत पर एक आपत्तिजनक पोस्ट किया था. मामला वायरल होने पर कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत को सफाई तक देनी पड़ी थी. इसे लेकर भाजपा ने भी उन पर काफी हमला बोला था.
दिलीप घोष ने ममता बनर्जी पर की थी टिप्पणी
दूसरी तरफ बीजेपी सांसद दिलीप घोष ने पिछले दिनों मीडिया से बातचीत के दौरान ममता बनर्जी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. तब उन्होंने कहा था कि ममता बनर्जी जब गोवा जाती हैं तो गोवा की बेटी बन जाती हैं और त्रिपुरा में खुद को वहां की बेटी बताती हैं. ममता स्पष्ट करें कि उनका पिता कौन है. यह ठीक बात नहीं है. दिलीप घोष के इस बयान पर टीएमसी ने काफी हंगामा किया था और चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की थी.