अमेरिका, मेक्सिको और कनाडा के कई हिस्सों में सोमवार को पूर्ण सूर्य ग्रहण का अद्भुत नजारा देखने को मिला। ज्यों-ज्यों चंद्रमा सूर्य को ढंकता चला गया, पृथ्वी पर अंधेरा छाता गया। यह घटना लाखों लोगों के लिए अविस्मरणीय रही।
पृथ्वी पर सूर्यग्रहण का अद्भुत नजारा लाखों लोगों ने देखा तो वहीं कई इस खगोलीय घटना को देखने से वंचित गए। लेकिन क्या आपने कभी यह जानना चाहा है कि अंतरिक्ष से यह अद्भुत खगोलीय घटना कैसी दिखती है। इसी जिज्ञासा दूर करने के लिए अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने अपने ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर इसका वीडियो जारी किया है।
वहीं, NASA ने बताया कि इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन (ISS) पर एस्ट्रोनॉट्स ने सूर्य ग्रहण होते देखा। फ्लाइट इंजीनियर्स ने स्पेस स्टेशन के अंदर से देखा की जैसे-जैसे चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी की सीधी रेखा में आगे बढ़ने लगा पृथ्वी पर अंधेरा छाता गया। उन्होंने इस दौरान धरती पर पड़ रही परछाई की तस्वीरें ली और वीडियो भी बनाया।
The total solar #eclipse is now sweeping across Indianapolis.
This is the first time in more than 800 years that the city is experiencing this celestial event! pic.twitter.com/jZuKx4nUAb
— NASA (@NASA) April 8, 2024
जब पूरे इंडियानापोलिस में फैलता दिखा पूर्ण सूर्य ग्रहण। 800 से अधिक वर्षों में यह पहली बार हुआ कि शहर इस खगोलीय घटना का अनुभव कर सका…
— NASA (@NASA) April 8, 2024
नासा के एक और एक्स हैंडल से किया गया मजाकिया पोस्ट
Oops I did it again 🤭 #TotalSolarEclipse pic.twitter.com/JXPe26qq3Q
— NASA Moon (@NASAMoon) April 8, 2024
दरअसल, इस हैंडल का नाम नासा मून है। इसने पोस्ट किया कि ऊप्स आई डिड इट अगेन! मतलब यह कि जब चांद एक सीधी रेखा में सूर्य और पृथ्वी के बीच आता है तो पूर्ण सूर्यग्रहण होता है। हालांकि, इसे मजाकिया अंदाज में शेयर किया गया।
कब होता है सूर्य ग्रहण…?
यह आकाशीय या खगोलीय घटना हमेशा अमावस्या पर ही होती है. ग्रहण के दौरान चंद्रमा सूर्य के कुछ ही हिस्से को ढकता है, जिसे आंशिक या खण्ड सूर्य ग्रहण कहते हैं, लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है, जब चंद्रमा पूरी तरह सूर्य को ढक लिया करता है, जिसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहा जाता है. ध्यान रहे, पूर्ण सूर्य ग्रहण को भी पृथ्वी के एक बेहद छोटे हिस्से में ही देखा जा सकता है, जो आमतौर पर ज़्यादा से ज़्यादा 250 किलोमीटर के व्यास में आने वाला क्षेत्र होता है, तथा शेष पृथ्वी पर उसी ग्रहण को आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में ही देखा जा सकता है. अपनी गति के चलते चंद्रमा को पूर्ण सूर्य ग्रहण के मौके पर सूर्य के सामने से गुज़रने में लगभग दो घंटे का वक्त लगता है, और इसी दौरान चंद्रमा ज़्यादा से ज़्यादा सात मिनट के लिए सूर्य को पूरी तरह ढकता है, और इस दौरान पृथ्वी के उस हिस्से में दिन के समय भी रात जैसा माहौल बन जाता है.