भारत ने ईरान और इजराइल के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है. भारतीयों को अगली सूचना तक इन दो देशों का दौरा न करने की सलाह दी गई है. साथ ही जो भारतीय इजराइल या ईरान में हैं, उनको दूतावास से संपर्क कर खुद को रजिस्टर कराने को कहा गया है. इसके अलावा उनसे यह भी अनुरोध किया गया है कि वे अपनी सुरक्षा के बारे में अत्यधिक सावधानी बरतें और अपनी गतिविधियों को न्यूनतम तक सीमित रखें.
अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को इस बात की पूरी आशंका है कि ईरान या ईरान के सहयोग और समर्थन के काम करने वाले संगठन इजराइल में हमला करेंगे. खुफिया सूत्रों के हवाले से पहले ये जानकारी आई थी कि हमला ईद या ईद से पहले हो सकता है. लेकिन अब कहा जा रहा है कि ये अगले कुछ दिनों में हो सकता है.
कहा यह भी जा रहा है कि जरूरी नहीं कि हमला इजराइल के उत्तरी तरफ, यानि कि लेबनान की तरफ से किया जाए, जहां से ईरान का प्रॉक्सी हिजबुल्ला लगातार इजराइल पर हमले करता रहा है. ये किसी और तरफ से भी हो सकता है. हमले में सीधे निशाने पर मार करने वाले मिसाइल का इस्तेमाल हो सकता है या फिर एक साथ बहुत से ड्रोन दागे जा सकते हैं.
सीरिया की राजधानी दमिश्क में एक अप्रैल को अपने कॉसुलेट पर हुए हमले के बाद ईरान ने साफ तौर पर कहा था कि वह इसके लिए इजराइल को मुंहतोड़ जवाब देगा. लेकिन वह ऐसा कब और कैसे करेगा? यह वह अपने हिसाब से तय करेगा. दमिश्क हमले में तीन सीनियर सैन्य कमांडर सहित 7 ईरानी नागरिकों की जान गई थी. इनमें मोहम्मद रेजा जाहेदी की भी मौत हुई, जो इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कोर के ग्राउंड और एयर फोर्स के पूर्व कमांडर थे. वे सीरिया और लेबनान में ईरान के प्रॉक्सीज के साथ समन्वय का अहम किरदार निभा रहे थे.
इसी आशंका को ध्यान में रखते हुए भारत ने इन दोनों देशों में रहने वाले या वहां जाने की सोच रहे अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है. विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी इस एडवाइजरी के आने से समझा जा सकता है कि ईरान और इजरायल अब टकराव के चरम बिंदू पर पहुंच गए हैं.