मौसम विभाग ने इस साल सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान जताया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक, एम महापात्र ने कहा कि साल 2024 में सामान्य से अधिक बारिश होगी. इस साल 5 जून से 30 सितंबर के दौरान 106% बारिश यानी 87cm बारिश की संभावना है. वहीं केरल में मानसून कब आएगा? इसपर उन्होंने कहा कि केरल में कब मानसून आएगा इसकी जानकारी मई के मध्य में दी जाएगी. एम महापात्र के मुताबिक ज्यादा संभावना है कि मानसून रेनफॉल अच्छा रहेगा. 80% जगहों में नॉर्मल से अधिक का पूर्वानुमान है. नॉर्थवेस्ट, ईस्ट, उत्तर- ईस्टर्न इंडिया में सामान्य से नीचे वर्षा रहने का आसार है.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, सचिव, एम रविचंद्रन ने दक्षिण पश्चिम मानसून पर बात करते हुए कहा कि जून से दिसंबर में वर्षा सामान्य से ऊपर या उच्चतर रहेगी. कंडीशन फेवरेबल है.
इस बार मॉनसून में होगी तेज बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक अल नीनो के प्रभाव के कम होने के कारण ला नीना का प्रभाव बढ़ने जा रहा है। इसकी वजह से देशभर में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की जा सकती है। मॉनसूनी बारिश के दीर्घकालीन पूर्वानुमानों पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिए एम रविचंद्रन ने कहा कि 1971 से 2020 तक के वर्षा के आंकड़ों के आधार पर दीर्घकालीन पूर्वानुमान जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि एक जून से सितंबर की 30 तारीख तक,यानी कुल चार महीनों में देशभर में औसतन 87 सेंमी तक बारिश देखने को मिल सकती है।
दिल्ली में हल्की बारिश का अनुमान
दिल्ली में सोमवार को सुबह न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 21.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. राजधानी में सुबह साढ़े आठ बजे तक सापेक्षिक आद्रर्ता 75 प्रतिशत दर्ज की गई. मौसम विभाग ने सामान्य रूप से बादल छाये रहने और हल्की बारिश होने या बूंदाबांदी के साथ तेज हवाएं चलने की संभावना जताई है. विभाग ने बताया कि दिल्ली का अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है.
क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के वैज्ञानिक एवं प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा,‘‘ उत्तर-पश्चिम भारत में 12 अप्रैल को आए सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण आकाश में बादल छाए रहेंगे और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी, जिससे राजधानी में तापमान लगभग 33 प्रतिशत तक गिर जाएगा.”
उत्तर-पश्चिम भारत में पश्चिमी विक्षोभ का असर 18-19 अप्रैल तक रहेगा. तब तक तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक नहीं पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि 18 अप्रैल के बाद तापमान दिन-प्रतिदिन बढ़ना शुरू हो जाएगा.
ला नीना का प्रभाव देखने को मिलेगा
भारतीय मौसम विभाग ने इस बाबत कि अगर साल 1951 से 2023 तक के डेटा को देखें, तो पता चलता है कि देश में अबतक कुल 9 बार मॉनसून सामान्य से बेहतर देखने को मिला है। ला नीना प्रभाव के कारण ही मॉनसून की बारिश में बढ़ोत्तरी देखने को मिलती है। एम रविचंद्रन ने कहा कि साल 1971 से 2020 के बारिश के आंकड़ों के मुताबिक, हमने नया दीर्घकालिक औसत और सामान्य पेश किया है। 1 जून से 30 सितंबर के बीच देशभर में कुल औसत वर्षा 87 फीसदी तक होने की संभावना है।