रेसलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष और सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चार्ज फ्रेम पर सुनवाई टल गई है। बृजभूषण शरण सिंह ने जो पहले याचिका दी है उस पर 26 अप्रैल को कोर्ट फैसला सुनाएगी। उसके बाद चार्ज फ्रेम पर सुनवाई होगी। मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि सीडीआर रिपोर्ट गैर जरूरी दस्तावेज़ है। शिकायतकर्ता के वकील ने कहा कि CDR रिपोर्ट ट्रायल का विषय है उसकी अभी ज़रूरत नहीं है। बृजभूषण के वकील ने कहा कि सीडीआर रिपोर्ट बहुत महत्वपूर्ण है। सीडीआर रिपोर्ट के आधार पर 7 सितंबर की तारीख अस्तित्व में आ जायेगी। कोर्ट ने कहा पहले एप्लिकेशन पर फैसला होगा उसके बाद चार्जफ्रेम पर बात करेंगे।
Brij Sharan Singh has moved an application seeking further investigation in the sexual harassment case.
— ANI (@ANI) April 18, 2024
बृजभूषण शरण सिंह ने दायर की है ये याचिका
महिला रेस्टलर छेड़छाड़ मामले में बृजभूषण शरण सिंह की तरफ से कोर्ट में एक एप्लीकेशन लगाई गई जिसमें कहा गया है कि एक शिकायतकर्ता के बयान में विरोधभास है। शिकयतकर्ता के मुताबिक वो जब WFI के दफ्तर गयी थी तो उसके साथ छेड़छाड़ कि गयी थी जबकि बृजभूषण ने कहा कि वो उस समय देश मे नहीं थे। जिसके एविडेंस में बृजभूषण ने पासपोर्ट की कॉपी भी लगाई है। लिहाजा उस मामले की एक बार फिर जांच के लिए याचिका लगाई गई है।
बृजभूषण के वकील ने दिया ये तर्क
बृजभूषण के वकील ने कहा कि हमने सीडीआर खोजने की कोशिश की थी लेकिन हमको वह दस्तावेज़ों में नहीं मिला। 7 सितंबर की तारीख रिकॉर्ड में कहीं पर भी नहीं हैं। इस पर कोर्ट ने पूछा कि आपने यह मुद्दा पहले क्यों नहीं उठाया था। बृजभूषण के वकील ने कहा कि मामले में बहुत ज़्यादा दस्तावेज़ थे। हमने सीडीआर को खोजने की कोशिश किया था हमको नहीं मिला इस लिए हम चार्ज फ़्रेम होने के समय इस मुद्दे को उठा रहे हैं। बृजभूषण के वकील ने कहा कि अगर सीडीआर की रिपोर्ट है तो अभी दे दें। सही समय है इस मुद्दे को उठाने का। आगे इस मुद्दे को नही उठाया जा सकेगा, इसी लिए हम कह रहे हैं कि CDR रिपोर्ट पर लगा दें, नहीं तो इस बिंदु पर जांच का निर्देश दिया जाए। कोर्ट ने पूछा कि सीडीआर रिपोर्ट पर आ जाए, तो फिर आप बहस के लिए समय लेंगे।
महिला पहलवानों ने लगाया मामले में देरी का आरोप
महिला पहलवानों के वकील ने कहा यह याचिका मामले में देरी के लिए दाखिल की गई है, कोर्ट को इस अर्जी पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए. बृजभूषण के वकील ने कहा कि अगर आरोपी पक्ष के पास CDR की रिपोर्ट है तो अभी दे दी जाए. इस मुद्दे को उठाने का सही समय है. आगे इसको नहीं उठाया जा सकेगा इसलिए हम कह रहे हैं कि CDR रिपोर्ट पर लगा दें, नहीं तो इस बिंदु पर जांच का निर्देश दिया जाए. कोर्ट ने पूछा कि CDR रिपोर्ट आ जाए, तो आप बहस के लिए समय लेंगे?