वरिष्ठ कांग्रेस नेता एके एंटनी के बेटे और पत्तनमथिट्टा से बीजेपी उम्मीदवार अनिल एंटनी ने कहा इस बार केरल में चुनाव अलग होगा. उन्होंने दावा किया कि राज्य वित्तीय संकट में है और बड़े पैमाने पर सत्ता विरोधी लहर है. यह पूछे जाने पर कि इस बार क्या अलग है, अनिल एंटनी ने बताया कि “कई कारक” हैं. पिछले चुनाव में जब राहुल गांधी पहली बार (वायनाड से) खड़े हुए थे तो एक कहानी बनाई गई थी कि यूपीए जीत रही है. यूपीए वापस आएगा और राहुल गांधी प्रधानमंत्री होंगे. अंत में बदलाव आया, यही कारण है कि विधानसभा चुनाव में हुई वोटिंग, राष्ट्रीय स्तर पर हुए मतदान से बहुत अलग थी.
उन्होंने कहा, राज्य “गंभीर वित्तीय संकट” में है, जहां सरकार अपने कर्मचारियों को वेतन और पेंशन देने में असमर्थ है. कासरगोड से तिरुवनंतपुरम तक, 20 सीटों में से प्रत्येक में सत्ता विरोधी लहर है.” ” अब आप किसी कांग्रेस या सीपीएम समर्थक से बात करें और आप देखेंगे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए-3 वापस आ रहा है.”
एंटनी पिछले साल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने कहा था कि केरल की पत्तनमथिट्टा लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहा उनका बेटा अनिल के. एंटनी चुनाव में जीतना नहीं चाहिए. एंटनी ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि उनके बेटे की पार्टी को हारना चाहिए और दक्षिण केरल निर्वाचन क्षेत्र में उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार एंटो एंटनी को जीतना चाहिए.
पथानामथिट्टा में एंटनी का मुकाबला कांग्रेस के एंटो एंटनी से है, जो कि तीन बार के मौजूदा सांसद है और वाम दल के टीएम थॉमस इसाक से है, जो राज्य के पूर्व वित्त मंत्री हैं
केरल उन कुछ राज्यों में से एक है, जहां से कभी भी बीजेरी उम्मीदवार संसद नहीं पहुंच पाया है. हालांकि राज्य में बहुसंख्यक समुदाय के 55 फीसदी मतदाता है. इसके बीजेपी के खाते में कोई सीट नहीं आई है.