आम आदमी पार्टी (AAP) के लोकसभा चुनाव कैंपेन सॉन्ग को बैन किए जाने के दावे पर दिल्ली चुनाव आयोग ने सफाई दी है। दिल्ली चुनाव आयोग का कहना है कि ‘आप’ के कैंपेन सॉन्ग को बैन नहीं किया गया है। नियमों के हिसाब से उसमें बदलाव करने को कहा गया है। अगर पार्टी इसमें बदलाव नहीं करती है, तो इस मामले को मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट कमेटी को भेज दिया जाएगा। दिल्ली चुनाव आयोग के मीडिया प्री सर्टिफिकेशन कमिटी की ओर से इस सॉन्ग को पूरा सुनने के बाद ये सुझाव दिए गए हैं। दिल्ली चुनाव आयोग का कहना है ‘आप’ के कैंपेन सॉन्ग को बैन नहीं किया गया है।
आतिशी ने की चुनाव आयोग की आलोचना
दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘आप’ के कैंपेन सॉन्ग को बैन किए जाने को लेकर चुनाव आयोग की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि यह तानाशाही सरकार के लक्षण हैं। आतिशी ने कहा, “जब बीजेपी ED और CBI का प्रयोग कर आचार संहिता के दौरान विपक्ष के नेताओं को जेल में डालती है, तो उससे इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन जब आम आदमी पार्टी उनको गाने में लिख देती है तो उस पर चुनाव आयोग को बहुत आपत्ति है।”
Press note regarding clarification on advertisement of campaign song by Aam Aadmi Party (AAP)@ECISVEEP pic.twitter.com/GtiPJSFHid
— CEO, Delhi Office (@CeodelhiOffice) April 28, 2024
“विपक्ष पर हमले को नहीं रोकेंगे, लेकिन…”
आतिशी ने कहा, “वे कहते हैं ‘जेल का जवाब वोट से देंगे’ ये सत्तारूढ़ पार्टी और एजेंसिज को बहुत पुअर लाइट में दिखाता है। CBI के डायरेक्टर को नहीं बदलेंगे। ED के डायरेक्टर को चुनाव के दौरान नहीं बदलेंगे। आप इनकम टैक्ट के डायरेक्टर को चुनाव के दौरान नहीं बदलेंगे। उनके विपक्ष पर हमले को नहीं रोकेंगे, लेकिन अगर कोई प्रचार में कह दे कि ‘झूठी गिरफ्तारियां हो रही हैं’ तो चुनाव आयोग को आपत्ति है।”
“तानाशाही सही, लेकिन उसका प्रचार गलत”
AAP नेता ने कहा, “जब बीजेपी की वाशिंग मशीन चलती है, जब बीजेपी में एक-एक कर विपक्ष के नेता जाते हैं और उनके ईडी केस, सीबीआई केस, इकोनॉमिक ऑफेंसेस केस, एंटी करप्शन ब्यूरो के केस बंद हो जाते हैं, तो इसमें आयोग को कोई आपत्ति नहीं है। बीजेपी तानाशाही करे, वो सही है, लेकिन उस तानाशाही के बारे में कोई प्रचार करे, तो गलत है। सबसे मजेदार बता ‘आप’ का कैंपेन सॉन्ग- ‘जेल का जवाब वोट से देंगे’ उस पूरे गाने में कहीं पर भी बीजेपी का नाम नहीं है, लेकिन आयोग कहता है कि अगर आप तानाशाही की बात करते हैं, तो यह सत्तारूढ़ पार्टी की आलोचना है।”