ईरान ने इजराइली मालवाहक जहाज से बंधक बनाए गए सभी 16 भारतीयों को रिहा कर दिया है. कुछ समय पहले एक इजराइली मालवाहक जहाज एमएससी एरीज पर 25 लोगों का दल सवार था. इनमें 17 भारतीय शामिल थे. उन पर ईरान ने कब्जा कर लिया था और हालांकि एक महिला क्रू को पहले रिहा किया गया था. अब बंधक बनाए गए सभी 16 भारतीयों को भी रिहा कर दिया गया. विदेश मंत्री जयशंकर ने ईरान के विदेश मंत्री से इस पर बात की थी. सूत्रों का कहना है कि सभी 16 भारतीय जहाज से पहले बंदरगाह पर पहुंचेंगे, फिर वहां से तेहरान आयेंगे. उसके बाद उनका ट्रैवल डॉक्युमेंट्स का इश्यू होगा. भारतीय दूतावास उसमें मदद करेगा और फिर उसके बाद वो सभी स्वदेश लौटेंगे.
ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन ने कहा है कि देश ने इजराइल से जुड़े जहाज के सभी चालक दल के सदस्यों को रिहा कर दिया है, जिसे हाल ही में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने होर्मुज जलडमरूमध्य में कब्जे में लिया था.
यह घटनाक्रम 13 अप्रैल को आईआरजीसी द्वारा पुर्तगाली ध्वज वाले जहाज को जब्त किए जाने के कुछ सप्ताह बाद आया था. एमएससी एरीज जहाज पर 25 लोगों का दल सवार था, जिनमें से 17 भारतीय थे. हालांकि, 18 अप्रैल को ईरानी अधिकारियों द्वारा एकमात्र महिला एन टेसा जोसेफ को रिहा किए जाने के बाद 16 से अधिक चालक दल के सदस्य जहाज पर मौजूद थे.
चालक दल की रिहाई एक मानवीय कार्य: ईरान
अमीराब्दुल्लाहियन ने कहा कि चालक दल की रिहाई एक मानवीय कार्य था. वे जहाज के कप्तान के साथ अपने देश लौट सकते थे. लेकिन, न्यायिक हिरासत के तहत जहाज का नियंत्रण ईरान के पास रहेगा.
विदेश मंत्रालय ने पहले कहा था कि भारतीय चालक दल की वापसी उनके अनुबंध संबंधी दायित्वों सहित कई कारकों पर निर्भर थी. इसके पहले 16 नाविकों के भाग्य के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा था कि सभी का स्वास्थ्य अच्छा था और उनकी रिहाई के लिए ईरानी अधिकारियों के भी संपर्क में हैं.
रिहाई को लेकर ईरान के संपर्क में थे भारतीय अधिकारी
ईरान के अनुसार, जब्त किए गए जहाज ने ईरान के क्षेत्रीय जल में अपने रडार को बंद कर दिया था और नेविगेशन की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया था. इस बीच, ईरान समर्थित मिलिशिया हूती लाल सागर और अदन की खाड़ी में व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाना जारी रखे हुए है, जिससे जहाजों को हिंद महासागर से होकर गुजरना पड़ रहा है.