अमेरिका में तेजी से फैल रहा नया कोविड-19 वेरिएंट ‘फ़्लर्ट’ इम्यून सिस्टम से बचने में सक्षम है. ऐसा दो स्पाइक प्रोटीन के बीच अमीनो एसिड के ट्रांस प्रतिस्थापन के कारण है. ये बात हेल्थ एक्सपर्ट्स ने रविवार को कही है. सीके बिड़ला अस्पताल में आंतरिक चिकित्सा के निदेशक राजीव गुप्ता के अनुसार, ‘फ़्लर्ट’, जो ओमिक्रॉन के जेएन.1 वंश से संबंधित है, तेजी से अमेरिका, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया में पिछले वेरिएंट एरिस की जगह ले रहा है.
गुप्ता ने आईएएनएस को बताया, “इन देशों में अस्पताल में भर्ती होने की दर में हालिया वृद्धि को इस वेरिएंट के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है; हालांकि, कोई बड़ी वेव पैदा नहीं हुई है. मृत्यु दर में भी कोई ख़ास अंतर नहीं है.” अमेरिका की संक्रामक रोग सोसायटी के अनुसार, नाम ”फ़्लर्ट” उनके म्यूटेशन के तकनीकी नाम पर आधारित है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस पर नज़र है और इसने कड़ी निगरानी की सलाह दी है.
सर गंगा राम अस्पताल के पीडियाट्रिक इंटेंसिविस्ट धीरेन गुप्ता के अनुसार, कोरोना के नए स्ट्रेन सामने आते रहेंगे. उन्होंने कहा, “अच्छी बात ये है कि ओमिक्रॉन वंश में से कोई भी फेफड़ों को महत्वपूर्ण नुकसान पहुंचाने में सक्षम नहीं है जैसा कि डेल्टा स्ट्रेन ने किया था. यह ऊपरी श्वसन पथ तक ही सीमित रहता है. लेकिन वायरस में इस बदलाव के लिए निगरानी और सतर्कता रखी जानी चाहिए.” विशेषज्ञों के अनुसार, मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का बढ़ता उपयोग इस म्यूटेशन को प्रेरित कर सकता है.
क्या है FLIRT वेरिएंट?
दिल्ली के राजीव गांधी हॉस्पिटल में डॉ. अजित कुमार बताते हैं कि कोरोना एक वायरस है और वायरस हमेशा मौजूद रहते हैं. बस इनका प्रभाव कम होने लगता है. कोविड के पिछले दो सालों के पैटर्न पर नजर डालें तो कोरोना का खतरा लगातार कम होता जा रहा है. अब ये वायरस सामान्य खांसी -जुकाम की तरह रह गया है. वायरस के लक्षण भी बहुत हल्के रह गए हैं, हालांकि वायरस खुद को जिंदा रखने की कोशिश करता है.
इसी क्रम में वह खुद में बदलाव करता रहता है. इससे नए वेरिएंट बनते रहते हैं. यही कारण है कि हर कुछ महीनों के अंतराल के बाद कोरोना के नए वेरिएंट सामने आते रहते हैं. इसी क्रम में ही नया वेरिएंट FLIRT आया है. यह ओमिक्रॉन का ही एक सब वेरिएंट है. इसका मतलब है कि यह कोई नया वेरिएंट नहीं बल्कि पहले से मौजूद ओमिक्रॉन का ही एक सब वेरिएंट है.
क्या नए वेरिएंट से है खतरा
डॉ कुमार कहते हैं कि ओमिक्रॉन वेरिएंट बीते साल से भी ज्यादा समय से दुनियाभर में है. इसके नए वेरिएंट भी आते रहते हैं, लेकिन यह खतरनाक नहीं है. ओमिक्रॉन के किसी भी सब वेरिएंट से लंग्स में इंफेक्शन के मामले नहीं दिखे गए हैं. ऐसे में FLIRT वेरिएंट से भी किसी गंभीर खतरे कि आशंका नहीं है. लेकिन फिर भी सावधानी बरतने की सलाह है.
फिलहाल यह देखना होगा कि भारत में कोविड के जो केस आ रहे हैं उनमें नया वेरिएंट तो नहीं है. इसके लिए जीनोम सीक्वेंसिंग को बढ़ाना होगा. संक्रमितों के सैंपलों का टेस्ट करना होगा.अगर मरीजों में नया वेरिएंट मिलता है तो उनको आइसोलेट करके लक्षणों पर नजर रखनी होगी.
क्या हैं लक्षण
शरीर में दर्द
बुखार
सिर दर्द
गले में दर्द
नाक बहना
मांसपेशियों में दर्द
FLiRT से बचाव के लिए क्या करें ?
कोविड-19 के लिए टीका लगवाना FLiRT सहित सभी वेरिएंट से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है. भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना वायरस के फैलने को रोकने में मदद कर सकता है. अन्य लोगों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें. साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोना या अल्कोहल-आधारित सैनिटाइज़र का उपयोग करना वायरस को फैलने से रोकने में मदद कर सकता है. अगर आप बीमार हैं तो घर पर रहें और दूसरों से संपर्क करने से बचें.
डॉक्टर्स का कहना है कि अब कोविड के नए वेरिएंट्स सामने आते रहेंगे. हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन कोविज-19 से जुड़ी हर चीज़ पर बारीक नज़र रख रहा है. सभी देशों को कड़ी निगरानी की सलाह भी दी गयी है. इस नए वेरिएंट की कोई बड़ी वेव अब तक नज़र नहीं आयी है लेकिन लोगों को सावधान रहने की सलाह डॉक्टर्स दे रहे हैं.