दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका के विरोध में ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि चुनाव प्रचार मौलिक अधिकार नहीं है. इसे अंतरिम जमानत का आधार नहीं बनाया जा सकता. ED ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि चुनाव की आड़ में रिहाई की कोशिश की जा रही है और इससे गलत परंपरा स्थापित होगी.
ईडी ने अंतरिम जमानत का किया विरोध
ईडी ने कहा कि चुनाव लड़ने वाले किसी व्यक्ति को कभी इस आधार पर अंतरिम जमानत नहीं मिली है. ईडी ने आगे कहा कि अगर इस आधार पर रिहाई हुई तो किसी नेता को गिरफ्तार करना या हिरासत में रखना कठिन हो जाएगा, क्योंकि देश में चुनाव होते ही रहते हैं. पिछले 5 साल में देश में 123 बार चुनाव हुए हैं.
Delhi excise policy case: ED says there is absolutely no principle that justifies giving a differential treatment to a politician for campaigning over a farmer or a businessman who wishes to pursue his vocation.
ED in its affidavit says that grant of interim bail merely for…
— ANI (@ANI) May 9, 2024
केजरीवाल की जमानत याचिका पर कल हो होगी सुनवाई
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिक पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार (10 मई) को आदेश जारी कर सकता है. उससे पहले ईडी ने गुरुवार (9 फरवरी) को यह हलफनामा दाखिल किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने 7 मई को केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया था. ईडी की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए कोर्ट में कहा था कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देना राजनेताओं के लिए एक अलग वर्ग बनाने जैसा होगा.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने पिछली सुनवाई सीएम केजरीवाल के वकील से कहा, ”पहले हम यह देखें कि अंतरिम जमानत दी जा सकती है या नहीं.”
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?
पीठ ने केजरीवाल के वकील सिंघवी से कहा था, “मान लीजिए कि हम आपको चुनाव के कारण अंतरिम जमानत देते हैं. फिर यदि आप कहते हैं कि आप ऑफिस में उपस्थित होंगे, तो इसका असर पड़ सकता है. यदि हम आपको अंतरिम जमानत देते हैं, तो हम नहीं चाहते हैं कि आप आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करें, क्योंकि इससे कहीं न कहीं नुकसान होगा. हम सरकार के कामकाज में आपका हस्तक्षेप बिल्कुल नहीं चाहते हैं.”