लोकसभा चुनाव 2024 के चौथे चरण में 10 राज्यों की 96 सीटों पर 7 मई को मतदान है. बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन के बीच भले सीधा मुकाबला है, लेकिन असल इम्तिहान सियासी ‘चौधरियों’ का होना है. चौथे फेज में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से लेकर नित्यानंद राय और अजय मिश्रा टेनी सहित मोदी सरकार के 5 केंद्रीय मंत्रियों की साख दांव पर लगी है. वहीं, दूसरी तरफ सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से लेकर जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह जैसे दिग्गज नेताओं की अग्निपरीक्षा होनी है तो AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, टीएमसी नेता शत्रुघ्न सिन्हा, महुआ मोइत्रा और अधीर रंजन चौधरी जैसे नेताओं को अपना गढ़ बचाए रखने की चुनौती है.
चौथे चरण में 10 राज्यों की 96 सीटों पर 1717 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला सोमवार को होना है. मोदी सरकार के पांच केंद्रीय मंत्रियों और एक पूर्व मुख्यमंत्री की साख दांव पर लगी है. हैदराबाद में असदुद्दीन ओवैसी को बीजेपी की माधवी लता से पार पाना है तो बहरामपुर सीट पर कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और टीएमसी के यूसुफ पठान के बीच मुकाबला है. ऐसे में चौथे चरण की हाई प्रोफाइल सीटों पर सभी की निगाहें लगी हुई है.
कन्नौज: अखिलेश बनाम सुब्रत पाठक
सपा प्रमुख अखिलेश यादव कन्नौज लोकसभा सीट दोबारा से बीजेपी के हाथों में छीनने के लिए मैदान में उतरे हैं. 2000 से लेकर 2009 तक अखिलेश कन्नौज सीट से जीत दर्ज की थी और 2012 में छोड़ दी थी, जिसके बाद उनकी पत्नी डिंपल यादव जीतने में सफल रही. 2019 में बीजेपी के सुब्रत पाठक ने डिंपल यादव को मात देने में सफल रहे थे. इसीलिए अखिलेश यादव अब फिर से कन्नौज सीट से उतरे हैं तो बीजेपी से सुब्रत पाठक और बसपा से इमरान बिन जफर पर दांव खेला है. कन्नौज सीट पर इस बार कांटे की टक्कर मानी जा रही है.
बेगुसराय: गिरिराज बनाम अवधेश
बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट पर कांटे का मुकाबला माना जा रहा है. बेगुसराय सीट पर गिरिराज सिंह दूसरी बार चुनावी मैदान में उतरे हैं, जिनके सामने सीपीआई से अवधेश कुमार राय मैदान में है. बसपा से चंदन कुमार दास मैदान में है. 2019 में गिरिराज सिंह ने कन्हैया कुमार को मात देकर बेगुसराय पर कब्जा जमाया था, लेकिन इस बार इंडिया गठबंधन के तहत यह सीट लेफ्ट को मिली है और अवधेश कुमार के रूप में भूमिहार दांव खेला है. कांग्रेस और आरजेडी का समर्थन है. बेगुसराय सीट के सियासी समीकरण के नजरिए से देखें तो भूमिहार, मुस्लिम और दलित वोटर काफी अहम है. इस तरह भूमिहार बनाम भूमिहार की लड़ाई बनती नजर आ रही है.
हैदराबाद: ओवैसी बनाम माधवी लता
देश की सबसे हाई प्रोफाइस सीटों में हैदराबाद की गिनती होती है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी एक बार फिर से हैदराबाद सीट चुनावी मैदान में है, उनके खिलाफ बीजेपी ने माधवी लता को उतारा है. कांग्रेस से मोहम्मद वलीउल्लाह समीर, बीआरएस से श्रीनिवास गड्डाम तो बसपा ने केएस कृष्णा सियासी किस्मत आजमा रहे हैं. इस सीट पर ओवैसी का 2004 से कब्जा है, उससे पहले उनके पिता छह बार सांसद रहे हैं. इस तरह ओवैसी के लिए काफी मजबूत सीट मानी जाती है, लेकिन बीजेपी इस बार कांटे की टक्कर देती नजर आ रही है.
उजियारपुर: नित्यानंद बनाम आलोक मेहता
बिहार की उजियारपुर लोकसभा सीट से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं. नित्यनानंद राय के खिलाफ आरजेडी ने आलोक कुमार मेहता को उतारा है.बसपा से मोहन कुमार मौर्या मैदान में है. नित्यानंद बीजेपी के यादव चेहरा बिहार में माने जाते हैं और आरजेडी ने अपने कब्जा में लेने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. बीजेपी के लिए मजबूत सीट मानी जाती है, लेकिन लालू यादव ने जिस तरह अपने करीबी को उतारा है, उसके चलते मुकाबला रोचक हो गया है.
लखीमपुर खीरी: टेनी मिश्रा के लिए टेंशन
उत्तर प्रदेश की खीरी लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं, जिनके खिलाफ सपा उत्कर्ष वर्मा ‘मधुर’ और बसपा ने अंशय कालरा को उतारा है. मोदी लहर में बीजेपी यह सीट जीतने में कामयाब रही है, लेकिन टेनी मिश्रा के बेटे पर किसानों को कार से कुचलने का आरोप है. इस मामले को लेकर विपक्ष के निशाने पर टेनी मिश्रा और बीजेपी रही हैं. सपा ने जिस तरह कुर्मी कैंडिडेट पर दांव लगाया है, उसके चलते टेनी मिश्रा के लिए इस बार काफी कड़ी चुनौती है.
बहरामपुर: अधीर बनाम पठान
पश्चिम बंगाल की बहरामपुर लोकसभा सीट पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं. इस सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन चौधरी चुनाव मैदान में हैं तो उनके सामने ममता बनर्जी ने क्रिकेटर यूसुफ पठान पर दांव लगाया है. बीजेपी से निर्मल कुमार साहा पर दांव लगाया है. मोदी लहर में भी अधीर रंजन बहरामपुर सीट को जीतने में कामयाब रहे हैं, जहां पर टीएमसी और बीजेपी अभी तक उनके सामने चुनौती पेश नहीं कर सकी हैं. इस बार ममता ने मुस्लिम दांव खेलते हुए युसुफ पठान पर दांव खेला है.
खूंटी: अर्जुन मुंडा बनाम काली मुंडा
झारखंड की खूंटी लोकसभा सीट हाई प्रोफाइल मानी जाती है. यहां से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा चुनावी मैदान में है तो कांग्रेस ने काली चरण मुंडा और बसपा ने सावित्री देवी किस्मत आजमा रहे हैं. अर्जुन मुंडा लगातार इस सीट से जीत रहे हैं और मोदी सरकार के अदिवासी चेहरा माने जाते हैं, लेकिन इस बार कांग्रेस ने जिस तरह से काली करण मुंडा को उतारा है, उससे बीजेपी के लिए टेंशन बनी हुई है. पिछली बार अर्जुन मुंडा बहुत मामूली वोटों से जीत सके थे.
कृष्णानगर: महुआ बनाम अमृता राय
पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा इस बार सभी की निगाहें लगी हुई है. यहां से टीएमसी उम्मीदवार के तौर पर तीसरी बार महुआ मोइत्रा चुनाव मैदान में हैं. बीजेपी ने राजा कृष्णचंद्र राय के परिवार की सदस्य अमृता राय को अपना प्रत्याशी बनाया है. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) से एसएम सादी चुनाव मैदान में हैं. टीएमसी की फॉयरब्रांड नेता महुआ मोइत्रा मानी जाती है. पिछले साल उनकी लोकसभा की सदस्यता स्पीकर ने खत्म कर दी थी, क्योंकि उन पर पैसा लेकर सवाल पूछने का आरोप था. टीएमसी एक बार फिर से उनक पर दांव खेला है, लेकिन बीजेपी से लेकर लेफ्ट तक उनको घेरने में जुटे हैं.
आसनसोल: शत्रुघ्न बनाम अहलुवालिया
पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट पर मौजूदा बीजेपी नेता और पूर्व बीजेपी नेता के बीच फाइट है. टीएमसी से मौजूदा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं, जिनके खिलाफ बीजेपी ने एसएस अहलुवालिया ताल ठोक रखी है. सीपीआई से जहांआरा खान और बसपा से सन्नी कुमार साह चुनाव लड़ रहे हैं. मोदी लहर में बीजेपी के टिकट पर बाबुल सुप्रियो यहां से जीतने में कामयाब रहे थे, लेकिन बाद में उन्होंने टीएमसी का दामन थाम लिया था. इसके बाद ममता बनर्जी ने शत्रुघ्न सिन्हा पर दांव खेला है.
बीड़: पंकजा बनाम बजरंग
महाराष्ट्र की बीड़ लोकसभा सीट पर नजर लगी हुई है, क्योंकि यह हाईप्रोफाइल सीट है. बीजेपी से पंकजा मुंडे चुनावी मैदान में उतरी हैं. शरद पवार की एनसीपी से बजरंग मनोहर सोनवाणे और बसपा से सिद्धार्थ राजेंद्र टकनकर चुनाव लड़ रहे हैं. 2014 में गोपीनाथ मुंडे यहां से जीतने में कामयाब रहे थे, लेकिन बाद में निधन हो जाने के उनकी छोटी बेटी चुनी गई थी. 2019 में बीजेपी ने पंकजा मुंडे की बहन का टिकट काटकर उन पर भरोसा जताया है, लेकिन एनसीपी ने मजबूत प्रत्याशी उतारा है.
सिकंदराबाद: किशन रेड्डी बनाम नागेंद्र
हैदराबाद से सटी तेलंगाना की सिकंदराबाद लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं. इस बार उनके सामने कांग्रेस ने दानम नागेंद्र किस्मत आजमा रहे हैं तो बसपा से बस्वानंदम दांडेपु और बीआरएस से पद्म राव टी चुनाव लड़ रहे है. बीजेपी की मजबूत सीटों में एक मानी जाती है, लेकिन तेलंगाना में सत्ता बदल जाने के चलते चुनौती जरूर खड़ी हो गई है.
बर्धमान: कीर्ति आजाद बनाम दिलीप घोष
बर्धमान लोकसभा सीट पर मुकाबला का कांटे का माना जा रहा है. इस सीट से क्रिकेटर कीर्ति आजाद टीएमसी की टिकट पर मैदान में हैं. उनके खिलाफ बीजेपी ने दिलीप घोष को उतारा है. बसपा की टिकट पर प्रभुनाथ साह और सीपीआई से सुकृति घोषाल भी चुनावी मुकाबले में हैं. इस सीट पर त्रिकोणीय लड़ाई मानी जा रही है. बीजेपी ने दिलीप घोष को उतारकर मुकाबला रोचक हो गया है.