सात महीनों से जारी इजरायल और हमास का युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। इजरायल कथित ईरान समर्थन प्राप्त आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करता रहा है। जिनमें कई बार शीर्ष ईरानी अफसर मारे भी गए हैं।
इस बीच ईरान के सुप्रीम लीडर के एक प्रमुख सलाहकार ने न्यूक्लियर पॉलिसी में बदलाव की चेतावनी देकर मिडिल ईस्ट समेत पूरे विश्व के लिए चिंंता बढ़ा दी है।
क्या ईरान बदलेगा परमाणु पॉलिसी?
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के प्रमुख एडवाइजर कमल खर्राजी ने चिंता जताते हुए सुझाव दिया है कि अगर ईरान को इजराइल से खतरा महसूस होता है तो वह अपनी परमाणु रणनीति पर फिर से विचार कर सकता है। खर्राजी ने कहा,
वर्तमान में हमारी परमाणु हथियार विकसित करने की कोई योजना नहीं है, लेकिन अगर ईरान को इजरायल से अपने अस्तित्व को लेकर खतरा महसूस होता है, तो हमें अपने सैन्य दृष्टिकोण में बदलाव करना पड़ सकता है।
शांतिपूर्ण न्यूक्लियर पॉलिसी?
खर्राजी का बयान इस बात पर भी सवाल उठाता है कि ईरान अपने शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम को लेकर क्या कहता है।
ईरान हमेशा यह कहता आया है कि उसकी परमाणु हथियार प्राप्त करने की कोई योजना नहीं है। पश्चिमी देशों को संदेह है कि ईरान परमाणु बम बनाने के लिए यह तकनीक चाहता है।
ईरान का न्यूक्लियर प्रोग्राम लंबे समय से विवाद के केंद्र में है। इसके कारण उसपर कई प्रतिबंध भी लगाए गए हैं।
ईरान ने क्यों बंद किया परमाणु कार्यक्रम?
ईरान के सर्वोच्च लीडर खामेनेई का देश के परमाणु कार्यक्रम पर अंतिम अधिकार है। उन्होंने 2000 के दशक की शुरुआत में एक धार्मिक आदेश (फतवे) में न्यूक्लियर हथियारों के विकास पर बैन लगा दिया था।
उन्होंने 2019 में दोहराया कि परमाणु बम बनाना और एकत्रित करना गलत और इसका उपयोग करना हराम है।
वहीं, 2021 में ईरान के तत्कालीन खुफिया मंत्री ने कहा था कि पश्चिमी देशों का दबाव उन्हें परमाणु हथियारों के विकास के लिए मजबूर कर सकता है।