सुप्रीम कोर्ट ने UAPA के तहत जेल में बंद न्यूजक्लिक के फाउंडर और एडिटर इन चीफ प्रबीर पुरकायस्थ की रिहाई का आदेश दिया है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने फैसला सुनाया। राष्ट्र विरोधी प्रचार को बढ़ावा देने के लिए चीनी फंडिंग को लेकर यूएपीए के तहत अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए पुरकायस्थ ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
Supreme Court orders release of NewsClick founder and Editor-in-Chief Prabir Purkayastha in UAPA case. pic.twitter.com/IyY5dxExQb
— ANI (@ANI) May 15, 2024
कोर्ट ने गिरफ्तारी पर उठाए थे सवाल
इससे पहले शीर्ष अदालत ने प्रबीर पुरकायस्थ की याचिका पर सुनवाई के दौरान उनकी गिरफ्तारी पर कई सवाल उठाए थे। कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा था कि दिल्ली पुलिस ने पुरकायस्थ की गिरफ्तारी के बाद उनके वकील को सूचित किए बिना मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने में जल्दबाजी क्यों की? जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने हैरानी जताते हुए कहा था कि पुरकायस्थ के वकील को रिमांड आवेदन दिए जाने से पहले ही रिमांड आदेश कैसे पारित कर दिया गया था?
शीर्ष कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था
पीठ ने गिरफ्तारी के तौर-तरीके पर सवाल उठाते हुए गैर-कानूनी गतिविधियां निरोधक अधिनियम 1967 के तहत इस मामले में गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली पुरकायस्थ की याचिका पर सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
पिछले साल अक्टूबर में किया गया था गिरफ्तार
प्रबीर पुरकायस्थ पर आरोप है कि उन्होंने न्यूजक्लिक पोर्टल के जरिए राष्ट्रविरोधी प्रचार को बढ़ावा देने के लिए चीन से फंडिंग हासिल की। इस ममले में उन्हें पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तार किया गया था। वह तभी से न्यायिक हिरासत में हैं। सुनवाई के दौरान पुरकायस्थ के वकील कपिल सिब्बल की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।