प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. सबसे लोकप्रिय नेता और स्टार प्रचारक के तौर पर उनकी डिमांड देश के हर कोने से हो रही है. पीएम मोदी पार्टी कार्यकर्ताओं, प्रत्याशियों और नेताओं को निराश भी नहीं कर रहे हैं. वह एक दिन में कई रैलियों को संबोधित कर रहे हैं. पीएम मोदी अपने व्यस्त शेड्यूल में से समय निकाल कर मीडिया से भी रूबरू हो रहे हैं. लंबे समय से लोगों के मन में एक सवाल बार-बार आता है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों नहीं की? PM मोदी ने इस सवाल का जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि मीडिया अब बदल चुका है. वह पहले की तरह तटस्थ नहीं रहा. पत्रकार अब अपनी विचारधारा को बढ़ावा देते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस न करने के सवाल का जवाब दिया है. उन्होंने कहा, ‘हमारी मीडिया के बारे में ऐसा कल्चर बन गया है कि कुछ भी मत करो, बस इन्हें संभाल लो. अपनी बात बता दो तो देशभर में चली जाएगी. मुझे उस रास्ते पर नहीं जाना है. मुझे मेहनत करनी है. मुझे गरीब के घर तक पहुंचना है. मैं झारखंड के एक छोटे से डिस्ट्रिक्ट में जाकर काम करता हूं. मैंने एक नया वर्क कल्चर लाया है. मीडिया को यदि वह कल्चर सही लगे तो प्रस्तुत करे और न लगे तो न करे.’
‘मीडिया आज वो नहीं जो पहले था’
प्रेस कॉन्फ्रेंस न करने के सवाल का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मीडिया आज वैसा नहीं रहा, जैसा पहले था. उन्होंने कहा, ‘मैं संसद के प्रति जवाबदेह हूं. मीडिया आज वह नहीं रहा जो पहले था. आज मीडिया के विचार भी लोग जान चुके हैं. पहले मीडिया फेसलेस था. उसका कोई चेहरा नहीं था. मीडिया में कौन लिखता है? लिखने वाले के क्या विचार हैं? इनसे किसी को कुछ भी लेना-देना नहीं था, लेकिन आज वह स्थिति नहीं है.’
‘कम्यूनिकेशन के कई सोर्स’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकेतों में सोशल मीडिया की अहमियत भी बता दी. उन्होंने कहा कि पहले कम्यूनिकेशन का एक ही सोर्स होता था, लेकिन आज कई माध्यम और स्रोत हैं. पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘पहले आप मीडिया के बिना कहीं जा नहीं सकते थे. आज कम्यूनिकेशन के कई माध्यम हैं. आज जनता भी बिना मीडिया अपनी आवाज बता सकती है. बिना मीडिया कोई व्यक्ति अपना जवाब दे सकता है.’
उन्होंने सालों पुराना एक वाकया याद करते हुए बताया, ‘मैं जब गुजरात में था, तब मैं पब्लिक मीटिंग में पूछता था- क्यों भाई ऐसा कार्यक्रम बनाया है, कोई काले झंडे वाला नहीं दिखता है. अरे भाई, दो-तीन काले झंडे वाले रखो तो कल अखबार में छपेगा कि मोदी जी आए थे तो दस लोगों ने काले झंडे दिखाए. कम से कम लोगों को पता तो चलेगा कि मोदीजी यहां आए थे. काले झंडे बिना मेरी सभा कौन पूछेगा? मैंने दस साल ऐसे भाषण किए गुजरात में. मेरा डेली का यही कार्यक्रम था.
उन्होंने कहा, ‘एक दिन मेरे गांव के लोग मिलने आए. मेरा अभिनंदन करने आए तो बोले कि हमारे गांव में 24 घंटे बिजली हो गई है. इसलिए हम आपको अभिनंदन करने आए हैं. गुजरात में मेरे घर में मंगलवार को किसी को भी एंट्री थी. उन्होंने कहा 24 घंटे बिजली आ गई है. मैंने कहा कि झूठ है, नहीं हो सकता उन्होंने कहा कि नहीं साहब हो गई है. मैंने कहा कि मैंने तो किसी अखबार में नहीं पढ़ा कि तुम्हारे यहां 24 घंटे बिजली हो गई है. उन्होंने कहा कि नहीं साहब, रेडियो वाले, अखबार वाले नहीं बताएंगे कि 24 घंटे बिजली आ गई है.’
अपनी विरासत कैसी छोड़ेंगे?
इस सवाल पर पीएम मोदी ने कहा, ‘जो इंसान देश के लिए जी रहा है, वो खुद के लिए क्यों सोचेगा? मुझे इतिहास में कोई याद करे, इसके लिए मैं काम करता ही नहीं . कोई याद करे तो मेरे कश्मीर में 40 साल बाद 40% के करीब मतदान हुआ, उसको याद करे. जी20 में हिंदुस्तान का डंका बज गया था, उसको याद करे. कोई याद करे कि आज विश्व के अंदर मेरा भारत तीसरी इकोनॉमी बनने जा रहा है.’ उन्होंने कहा कि मेरे जैसे सैकड़ों लोग आएंगे और चले जाएंगे.