गुजरात में लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के दौरान एटीएस ने अहमदाबाद एयरपोर्ट से चार आतंकवादियों को गिरफ्तार किया. 14 दिन की रिमांड पर लिए गए इन चारों आतंकियों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. इन आतंकियों की देश में बड़ी तबाही मचाने की योजना थी. इन आतंकियों को हिंदू नेताओं के साथ-साथ बीजेपी, आरएसएस नेताओं की टारगेट किलिंग का काम भी दिया गया था. यहूदी इलाके इनके टारगेट पर थे. उन्हें इस काम के लिए श्रीलंकाई मुद्रा में 4 लाख रुपये मिले थे.
चारों आतंकी श्रीलंका के नागरिक हैं. वे श्रीलंका से चेन्नई आये थे. इसके बाद वह चेन्नई से अहमदाबाद एयरपोर्ट पहुंचे थे. लेकिन अहमदाबाद में उनकी दाल नहीं गली. क्योंकि गुजरात एटीएस ने अहमदाबाद पहुंचते ही चारों आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया है. इन आतंकियों के पास पाकिस्तान द्वारा बनाए गए हथियार मिले हैं. इन चारों आतंकियों के नाम मोहम्मद नुसरथ, मोहम्मद नफरान, मोहम्मद फारिस और मोहम्मद रशदीन हैं.
पुलिस उप महानिरीक्षक विकास सहाय ने इसकी जानकारी दी है. उन्होंने बताया, ‘सभी चार आतंकवादी श्रीलंका के मूल निवासी हैं. वे इस्लामिक स्टेट विचारधारा के कट्टरपंथी हैं. वे केवल तमिल भाषा बोलते हैं. उन्हें हिंदी और अंग्रेजी भाषा समझ नहीं आती. चेन्नई से अहमदाबाद पहुंचने के बाद चारों आतंकवादी अपने पाकिस्तानी हैंडलर की कमांड का इंतजार कर रहे थे. वे अहमदाबाद से लक्ष्य स्थान तक पहुंचना चाहते थे. वहीं पर उन्हें हथियार मिलने थे. लेकिन एटीएस ने उससे पहले ही उसे गिरफ्तार कर लिया.’
यहूदियों पर हमला करना था मकसद
सभी चार आतंकवादियों को प्रमुख यहूदी स्थलों पर हमला करने का काम सौंपा गया था. बीजेपी, आरएसएस और हिंदू नेताओं की टारगेट किलिंग की भी योजना थी. आतंकियों का सरगना पाकिस्तान में है. आरोपियों में से एक ने पाकिस्तान का वीजा भी ले रखा है. गुजरात एटीएस के अधिकारी लगातार इन आतंकियों से पूछताछ कर रहे हैं, क्योंकि एजेंसियों को शक है कि आरोपियों के तार भारत में कुछ लोगों से जुड़े हो सकते हैं.
ISIS का भारतीय चीफ हुआ था अरेस्ट
आईएसआईएस के भारतीय प्रमुख को कुछ दिन पहले गिरफ्तार किया गया था. इस मुखिया के साथ उसके सहयोगी को भी गिरफ्तार कर लिया गया. ये दोनों आरोपी बांग्लादेश की सीमा पार कर भारत में दाखिल हुए थे. दोनों को असम के धुबरी जिले से गिरफ्तार किया गया. जांच में पता चला कि आरोपी आतंक की फंडिंग करने और आईएसआईएस के लिए भर्ती करने की कोशिश के इरादे से भारत आए थे.
राज्य पुलिस प्रमुख विकास सहाय ने बताया, ‘गुजरात एटीएस ने अपनी जांच श्रीलंका तक बढ़ा दी है. आतंकियों के पास से दो मोबाइल फोन, चारों के पासपोर्ट, श्रीलंकाई और भारतीय मुद्राएं बरामद की गई हैं. उसके सूटकेस में आईएसआईएस का झंडा भी मिला. आतंकियों से पूछताछ में पता चला कि ये चारों लोग फरवरी 2024 में अबू बकर नाम के शख्स के संपर्क में थे जो मूल रूप से श्रीलंका का रहने वाला है. लेकिन पाकिस्तान में रहता है और आईएसआईएस का लीडर है. तब से लेकर अब तक अलग-अलग सोशल मीडिया के जरिए उनसे ऑनलाइन संपर्क में है.’
4 लाख श्रीलंकाई मुद्रा में डील
चार में से एक आतंकी ने पूछताछ में बताया कि पाकिस्तान के रहने वाले अबू ने इन चारों को भारत में आतंकवादी हमला करने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसके लिए ये चारों आतंकी भी राजी हो गए. इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान में बैठे अबू ने उन्हें श्रीलंकाई मुद्रा में 4 लाख रुपये (1,11,172 भारतीय रुपये) भी दिए थे. राज्य पुलिस प्रमुख का दावा है कि अब तक की जांच में यह पता नहीं चल पाया है कि हमला कैसे और किस जगह पर किया जाना था. अब गुजरात एटीएस की टीम ने इसका पता लगाने के लिए आगामी जांच जारी रखी है. संभव है कि जांच में और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं. फिलहाल इन चारों आतंकियों को 14 दिन की रिमांड पर लिया गया है.