इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा है कि सात अक्टूबर को हमास के हमले के बाद भारत, इजराइल के पक्ष में खड़ा था और उसका समर्थन भारतीय और यहूदी लोगों के बीच बहुत गहरे संबंधों का प्रमाण है. गिलोन ने इजराइल के 76वें राष्ट्रीय दिवस का जश्न मनाने के लिए इजराइली दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की.
उन्होंने कहा कि सात अक्टूबर से भारत सरकार और जनता दोनों इजराइल के पक्ष में खड़ी हो गईं. और इस बात को हम कभी नहीं भूलेंगे. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि यहां हमें जितना समर्थन मिलता है वह किसी आश्चर्य से कम नहीं है. यह भारतीय और यहूदी लोगों के बीच बहुत गहरे संबंधों का प्रमाण है.
आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति
इस कार्यक्रम में विदेश सचिव विनय क्वात्रा भी शामिल हुए. क्वात्रा ने अपने संबोधन में कहा कि सात अक्टूबर को हुए आतंकवादी हमलों ने हम सभी को झकझोर कर रख दिया था. दूतावास द्वारा बुधवार को जारी एक बयान में क्वात्रा के हवाले से कहा गया है कि भारत खुद सीमा पार आतंकवाद का शिकार है और उसके प्रति उसका रुख कतई सहन नहीं करने की नीति (जीरो टॉलरेंस) का रहा है.
भारत आतंकी हमलों पर सख्त
उन्होंने कहा कि आतंकवादी कृत्यों को किसी भी तरह से न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता. हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं इन जघन्य कृत्यों में मारे गए बंधकों और निर्दोष लोगों के परिवारों के साथ हैं. हमास द्वारा सात अक्टूबर को इजराइली शहरों पर किए गए जबरदस्त हमले के जवाब में इजराइल ने भी गाजा में बड़े पैमाने पर सैन्य आक्रमण शुरू किया था.
हजारों लोगों की मौत
हमास की कार्रवाई में इजराइल में लगभग 1,200 लोग मारे जा चुके हैं और 220 से अधिक अन्य लोगों का अपहरण कर लिया गया था. गाजा में हमास के अधिकारियों का दावा है कि इजराइली हमले में गाजा में 30,000 से अधिक लोग मारे गए हैं. क्वात्रा ने अपने संबोधन में कहा कि भारत-इजराइल साझेदारी तेजी से बढ़ी है और दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सम्मान, समझ और सहयोग से यह साबित होता है.