राजस्थान के जैसलमेर में 16 मई को पाकिस्तान से आए हिंदू परिवारों के घरों पर बुलडोज़र चला दिया गया. अब राज्य के मंत्री ने किसी का नाम लिए बिना कहा है कि मामले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. मंत्री प्रताप खाचरियावास ने कहा कि ये पूरी कार्रवाई सरकार को बदनाम करने के लिए षड्यंत्र है. वो खुद मामले पर मुख्यमंत्री से बात करने वाले हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिनके घर उजाड़े गए वो हिंदू परिवार पाकिस्तान से विस्थापित होकर भारत आए थे. वो लोग काफी समय से अवैध कब्जे वाले इलाके में कच्चे मकानों में रह रहे थे. जिला कलेक्टर टीना डाबी के आदेश के बाद उन घरों पर बुलडोजर चलाया गया.
अब प्रताप खाचरियावास से मीडिया से बातचीत में कहा,
जैसलमेर में अधिकारियों ने गलत किया. उनको जवाब देना पड़ेगा. कार्रवाई के लिए भी तैयार रहना होगा. पाकिस्तान के विस्थापित जैसलमेर में खाली जमीन पर आकर रह रहे हैं. राजस्थान सरकार का कानून है कि बिना पुनर्वास के आप किसी को नहीं हटा सकते.
उन्होंने आगे कहा,
आप अचानक जाते हैं और इस गर्मी में उनके घर उजाड़ देते हैं. कार्रवाई करते हैं. कोई कलेक्टर हो कोई अधिकारी हो. कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए. मैं खुद मुख्यमंत्री से बात करूंगा. बहुत गंभीर घटना है. ये षड्यंत्र है. ऐसे अधिकारियों को जरूर नापेंगे. अधिकारियों ने पाप किया है. उसका परिणाम भुगतना पड़ेगा.
इससे पहले 17 मई को DM ऑफिस के बाहर कई लोगों ने विरोध किया और उनकी चिंताओं को सुनने की मांग की.
#WATCH | Rajasthan Minister Pratap Khachariyawas says, “What the officials did is wrong, they will have to answer. We will take action against them. Pakistani Hindu migrants are living in Jaisalmer on empty plot of land. Rajasthan Govt is giving them documents…As per the law of… https://t.co/pTQY2ak9pW pic.twitter.com/hmAnT2WIOQ
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) May 18, 2023
इधर, जिला कलेक्टर टीना डाबी ने एक बयान में कहा है कि सीमा पार से आए हिंदू प्रवासियों के लिए पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और जल्द ही उन्हें जमीन आवंटित की जाएगी. टीना डाबी ने कहा,
हमने एक समिति बनाई है जो जल्द ही एक एक जगह की पहचान करेगी जहां प्रवासियों का पुनर्वास किया जा सके. शुरुआत में हम उन लोगों को जमीन देंगे जिनके पास भारतीय नागरिकता है. पाकिस्तानी प्रवासियों को भारतीय नागरिकता मिलने के बाद ही जमीन आवंटित की जाएगी.
एक हफ्ते के अंदर भूमि आवंटन के आश्वासन के बाद प्रवासियों ने भी अपना धरना खत्म कर दिया.