स्वाति मालीवाल बदसलूकी मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीएम बिभव कुमार को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 4 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि न्यायालय के आदेश के मुताबिक हमने बिभव को हर रोज अपने परिवार से मिलने की अनुमति दी है। वहीं बिभव के वकील ने कहा किहम रिमांड शब्द का विरोध करते हैं। रिमांड जांच के उद्देश्य से दिया जाता है। हमारा कहना है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है जिसके लिए गहन जांच की आवश्यकता हो।
बिभव के वकील ने किया विरोध
बिभब के वकील ने कहा कि न्यायिक हिरासत या पुलिस हिरासत दोनों ही आरोपी की स्वतंत्रता को प्रभावित करते हैं। किसी भी चीज़ की मांग उचित होनी चाहिए। बिभव के वकील ने कहा न्यायिक हिरासत 14 दिन की होती है लेकिन पुलिस 4 दिन की न्यायिक हिरासत की मांग कर रही है।
बिभव कुमार ने की कोर्ट से ये अपील
जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस बिभव कुमार को लेकर तीस हजारी कोर्ट पहुंची थी। स्वाति मालीवाल केस में पुलिस ने उन्हें 18 मई को सीएम आवास के गिरफ्तार किया था। इस मामले में आरोपी बिभव कुमार ने जांच के दौरान जब्त किए गए डीवीआर की सुरक्षा और उसे रिकॉर्ड पर रखने के लिए एक आवेदन दायर किया है।
CCTV फुटेज और DVR को संरक्षित करने की मांग
बिभव के वकील ने अर्ज़ी दाखिल कर CCTV फुटेज और DVR को संरक्षित करने की मांग की है। उन्होंनेमकहा कि तीन बार रेड किया गया और पुलिस DVR लेकर गई। उसके बाद अब ये कह रहे हैं कि वह खाली है। इसलिए CCTV और DVR को संरक्षित कर कोर्ट में तत्काल पेश किया जाए। दिल्ली पुलिस ने बिभव की याचिका का विरोध करते हुए इस याचिका को खारिज करने की मांग की। दिल्ली पुलिस ने कहा कि अभी ट्रायल का सेटज नहीं है, ऐसे में इस तरह की मांग नहीं की जा सकती है।
क्या है मामला?
बता दें कि 13 मई को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर स्वाति मालीवाल से कथित तौर पर मारपीट हुई थी। स्वाति मालीवाल ने बिभव कुमार के खिलाफ मामला दर्ज कराया। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने बिभव को गिरफ्तार कर लिया। मालीवाल ने एक इंटरव्यू में बताया कि बिभव ने उन्हें गालियां दी और बुरी तरह पीटा। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि बिभव ने सीएम हाउस के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के साथ भी छेड़छाड़ की।