आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपित दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से फिर राहत की मांग की है। ताजा मामले में सीएम केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर अपनी अंतरिम जमानत 7 दिन बढ़ाने की मांग की है।
स्वास्थ्य आधार पर मांगी अंतरिम जमानत
सीएम केजरीवाल ने अपनी ताजा याचिका में स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत सात दिन और बढ़ाने की मांग की है, जिसमें यह भी शामिल है कि उनका सात किलोग्राम वजन कम हो गया है। याचिका में कहा गया है कि अरविंद केजरीवाल को कुछ मेडिकल परीक्षणों से गुजरना होगा और इस उद्देश्य के लिए अंतरिम जमानत, जो 1 जून को समाप्त हो रही है, उसकेो बढ़ाया जाना चाहिए।
आम आदमी पार्टी के मुताबिक, केजरीवाल के हेल्थ की मैक्स के डॉक्टरों ने जांच की है. उन्हें PET-CT स्कैन और कई टेस्ट करवाने की जरूरत है. जांच करवाने के लिए केजरीवाल ने 7 दिन और मांगे हैं.
Delhi CM Arvind Kejriwal files a petition in the Supreme Court, seeking an extension of his interim bail by 7 days. Delhi CM Kejriwal has to undergo PET-CT scan and other tests. Kejriwal asked for 7 days to get the investigation done: Aam Aadmi Party
— ANI (@ANI) May 27, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि 50 हजार के बेल बॉन्ड और निजी मुचलका जेल सुप्रीटेंडेंट की संतुष्टि पर होगा. कोर्ट ने कहा था कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री और एक राष्ट्रीय दल के नेता हैं. उनके ऊपर गंभीर आरोप लगे हैं, लेकिन उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है. उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. केजरीवाल समाज के लिए खतरा नहीं है. इसलिए अंतरिम जमानत दे रहे हैं.
दो जून को करना होगा सरेंडर
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में अरविंद केजरीवाल एक जून तक की अंतरिम जमानत पर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए 21 दिनों की अंतरिम जमानत दी थी। साथ ही उन्हें अपने कार्यालय या दिल्ली सचिवालय जाने और आधिकारिक फाइलों पर हस्ताक्षर करने से रोक दिया था, जब तक कि उपराज्यपाल की मंजूरी प्राप्त करने के लिए यह बिल्कुल जरूरी न हो। अब दो जून को उन्हें सरेंडर करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा था?
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में एक अहम टिप्पणी की थी. उसने कहा था कि इस वक्त देश में सबसे अहम चुनाव हो रहे हैं जो कि लोकसभा के हैं. इस राष्ट्रीय महत्व के चुनाव में देश के कुल 97 करोड़ वोटर्स में से करीब 65 से 70 करोड़ वोटर्स अगले 5 साल के लिए देश की सरकार चुनेंगे. देश का आम चुनाव लोकतंत्र को संजीवनी प्रदान करता है. कोर्ट ने ED की इस दलील खारिज कर दी थी और कहा था कि केजरीवाल को बेल देना उन्हें आम जनता की तुलना में ज्यादा विशिष्ट स्थान देगा.
सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को मुख्यमंत्री कार्यालय या दिल्ली सचिवालय जाने से रोक दिया था. शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि वह किसी भी फाइल पर बिना दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी के साइन नहीं करेंगे. अपने केस पर अपनी भूमिका को लेकर कोई कमेंट नहीं करेंगे. किसी गवाह से संपर्क नहीं करेंगे. कोर्ट ने 50 हजार का बेल बॉन्ड जमा करने के लिए कहा था. इसके अलावा कहा था कि इस अंतरिम जमानत पर किसी भी तरह की राय नहीं तय की जाए. ये पीएमएलए केस की मेरिट से इतर है.