भारतीय थल सेना के प्रमुख जनरल मनोज पांडे को सरकार ने एक महीने का सेवा विस्तार दिया गया है. जनरल मनोज पांडे इसी महीने 31 मई को रिटायर होने वाले थे. रक्षा मंत्रालय की तरफ से उनके कार्यकाल को एक महीने बढ़ाने का फैसला किया गया. मंत्रालय के फैसले के बाद अब थल सेना प्रमुख 30 जून तक अपने पद पर बने रहकर सेवा देते रहेंगे.
The Appointments Committee of Cabinet approves the extension of service of Chief of the Army Staff (#COAS) General Manoj C Pande for one month.
His normal age of superannuation was till May 31, 2024, which has now been extended up to June 30, 2024. pic.twitter.com/jJEfv8wjUw
— All India Radio News (@airnewsalerts) May 26, 2024
रक्षा मंत्रालय की तरफ से एक बयान जारी किया गया है. जिसमें बताया गया है कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे के एक महीने के सेवा विस्तार को मंजूरी दी है. बयान में कहा गया है कि समिति ने सेना नियम 1954 के नियम 16 ए (4) के तहत सेनाध्यक्ष जनरल पांडे की सेवा में उनकी सामान्य सेवानिवृत्ति आयु (31 मई, 2024) से एक महीने की अवधि के लिए यानी 30 जून, 2024 तक विस्तार को मंजूरी दी है.
इंदिरा गांधी सरकार ने जनरल बेवूर की बढ़ाई थी सर्विस
जनरल पांडे को इस तरह सेवा विस्तार दिए जाने का यह बेहद दुलर्भ मामला है. इससे पहले एक ही बार ऐसा मौका आया है, वह 1970 के दशक की शुरुआत में. तब की इंदिरा गांधी सरकार ने तत्कालीन आर्मी चीफ जनरल जीजी बेवूर के सर्विस पीरियड को एक साल के लिए बढ़ा दिया था.
सैन्य एक्सपर्ट के मुताबिक, जनरल बेवूर को दिए गए सेवा विस्तार से तब लेफ्टिनेंट जनरल प्रेम भगत थल सेना प्रमुख बने बिना ही रिटायर हो गए थे. जनरल बेवूर के बाद जनरल टीएन रैना इस टॉप पोस्ट पर नियुक्त होना था. एक्सपर्ट्स का मानना है कि जनरल बेवूर को दिए गए इस सर्विस एक्सटेंशन ने लेफ्टिनेंट जनरल भगत का रास्ता रोक दिया था.
सेना अध्यक्ष से पहले मनोज पांडे सेना के उप-प्रमुख थे
सेना अध्यक्ष से पहले मनोज पांडे सेना के उप-प्रमुख थे. वो सेना प्रमुख बनने वाले कोर ऑफ इंजीनियर्स के पहले अधिकारी हैं. अब तक इन्फैंट्री, आर्मर्ड और आर्टिलरी अधिकारी ही अधिकतर सेना प्रमुख बने हैं. पांडे पूर्वी सेना के कमांडर भी रहे हैं. जनरल पांडे पूर्वी कमान के प्रमुख बनने से पहले अंडमान एवं निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ थे.
मनोज पांडे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से स्नातक हैं. पांडे को 1982 में कोर ऑफ इंजीनियर्स में कमीशन किया गया था. अपने करियर के दौरान मनोज पांडे कई अहम पदों पर रहे. स्कूली पढ़ाई के बाद उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी ज्वाइन की थी. एनडीए के बाद पांडे ने इंडियन मिलिट्री एकेडमी ज्वाइन की.