दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की है. इसमें उन्होंने पीईटी-सीटी स्कैन समेत कुछ और मेडिकल जांच कराने के लिए अंतरिम जमानत को सात दिन और बढ़ाने की मांग की है. केजरीवाल की इस याचिका पर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने रिएक्ट करते हुए कहा कि उनकी नौटंकी फिर से चालू हो गई है. वह चुनाव प्रचार करते वक्त बिल्कुल स्वस्थ थे लेकिन अब अचानक उनकी तबियत बिगड़ गई है.
#WATCH दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, "अरविंद केजरीवाल नौटंकीबाज हैं। पूरे प्रचार में उनकी तबीयत ठीक थी भीषण गर्मी में भी वे प्रचार कर रहे थे और अभी भी पंजाब के प्रचार में हैं। अंतरिम बेल की अवधि बढ़ाने के लिए याचिका दायर कर दी नई-नई बीमारियां बताई जा रही है। अगर… https://t.co/yHIT24bWjw pic.twitter.com/mdnkFwqDpz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 27, 2024
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “दिल्ली के भ्रष्ट मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नौटंकी फिर से शुरू हो गई है. अब इस नौटंकीबाज ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में है कि मेरी 7 दिन की अंतरिम जमानत बढ़ाई जाए. पूरे प्रचार के दौरान उनकी तबियत ठीक थी. दिल्ली के चुनाव प्रचार में बिल्कुल ठीक थे. उन्होंने रिपोर्ट भी प्राइवेट अस्पताल की जमा की है. वो नए-नए टेस्ट करवा रहे हैं. वो नई-नई बीमारी का बहाना दे रहे हैं”.
उन्होंने कहा, “अगर स्वास्थ्य खराब है तो वह पंजाब के चुनाव प्रचार में क्या कर रहे हैं. वो सिर्फ नौटंकी कर रहे हैं. वो अगले तीन दिन पंजाब में रहेंगे और वहां ड्रामा करेंगे ताकि किसी तरीके से अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ जाए. अब नौटंकीबाज का क्या करना है यह दिल्ली, पंजाब और देश की जनता को तय करना है.”
सीएम अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाला मामले में ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. आम आदमी पार्टी के मुताबिक, गिरफ्तार होने के बाद से उनकी तबीयत बिगड़ी है. पार्टी का कहना है कि गिरफ्तारी के बाद उनका वजन 7 किलो घट गया जिसकी वजह से उनका कीटोन लेवल काफी हाई हो गया है, जो काफी गंभीर मेडिकल डिसऑर्डर है.
पार्टी ने आगे कहा है कि सीएम को मेडिकल टेस्ट कराने के लिए 7 दिन का समय लगेगा. सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को सीएम केजरीवाल की एक याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, इस याचिका में उन्होंने शराब घोटाला मामले में एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को चुनौती दी थी.
इसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुरक्षित होने के बावजूद वह नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जा सकते हैं. सुनवाई के दौरान, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि सीएम केजरीवाल की रिहाई और आत्मसमर्पण की समयसीमा को लेकर उनका स्पष्ट आदेश है. कोई विशेष छूट नहीं दी गई है.