भारत सरकार के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है. भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड ने केंद्र सरकार को सरप्लस के रूप में 87,416 करोड़ रुपये के ट्रांसफर करने की मंजूरी दी है. की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार बोर्ड ने बोर्ड ने वर्ष अप्रैल 2022 मार्च 2023 के दौरान रिज़र्व बैंक के कामकाज पर चर्चा की और अकाउंट ईयर 2022-23 के लिए रिज़र्व बैंक की एलुअल रिपोर्ट और अकाउंट् को अप्रूव किया.
बोर्ड ने कंटिंजेंसी रिस्क बफर को 6 फीसदी पर रखने का फैसला निर्णय लेते हुए वित्त वर्ष 2022-23 के लिए केंद्र सरकार को सरप्लस के रूप में 87,416 करोड़ रुपये के ट्रांसफर को मंजूरी दी. इससे पहले के वित्त वर्ष में सेंट्रल बैंक ने केंद्र सरकार को 30,307 करोड़ रुपये का सरप्लस दिया था.
मई की शुरुआत में रिपोर्ट आई थी कि केंद्र सरकार को आरबीआई से डिविडेंड से विंडफॉल गेन होने की संभावना है. बजट में सरकारी बैंकों और आरबीआई से कुल डिविडेंड के माध्यम से वित्त वर्ष 2024 में 48,000 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान लगाया गया है. पिछले वित्तीय वर्ष में, सरकार ने आरबीआई और सरकारी वित्तीय संस्थानों से 40,953 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था, जो वित्त वर्ष 23 के बजट अनुमान 73,948 करोड़ रुपये की तुलना में बहुत कम है.
बजट दस्तावेज़ के अनुसार, सरकारी उद्यमों और अन्य निवेशों से डिविडेंड वित्त वर्ष 2024 के लिए भी 43,000 करोड़ रुपये आंका गया है. वित्त वर्ष 2023 के संशोधित अनुमान के अनुसार, सरकारी उद्यमों और अन्य निवेशों से लाभांश 40,000 करोड़ रुपये के बजट अनुमान से 43,000 करोड़ रुपये अधिक था. जानकारों की मानें तो आरबीआई को वित्त वर्ष 2023—24 में ज्यादा कमाई होने के आसार हैं. जिसकी वजह से सरकार को और ज्यादा डिविडेंड मिल सकता है.