केरल में हाल ही में ट्रेन में आगजनी की घटना के मामले में एक गवाह के पिता का शव फांसी के फंदे से लटका हुआ मिला. ये शव शुक्रवार (19 मई) को कोच्चि में एक होटल के कमरे से बरामद हुआ है. इसकी जानकारी एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दी. अधिकारी ने बताया कि 45 साल का मोहम्मद शफीक दिल्ली का रहने वाला था. वह अप्रैल में कोझिकोड में ट्रेन में हुई आगजनी की घटना के सिलसिले में बेटे के साथ अपने बयान दर्ज कराने के लिए 16 मई को केरल पहुंचा था.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारी ने कहा, “शफीक और उसका बेटा ट्रेन आगजनी मामले में अपने बयान दर्ज कराने के लिए केरल आए थे. बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया पूरी हो गई थी और दोनों दिल्ली लौटने की योजना बना रहे थे लेकिन, शफीक के बेटे ने उसे होटल के कमरे के बाथरूम में फांसी के फंदे से लटकता हुआ पाया.” अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने अपनी जांच के सिलसिले में गवाहों को तलब किया था. दोनों गवाह 17 और 18 मई को एनआईए के समक्ष पेश हुए थे.
एनआईए की कोच्चि इकाई ने ट्रेन आगजनी कांड में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), रेलवे अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत दर्ज मामले की जांच हाल ही में अपने हाथों में ली थी.
पिछले महीने दो अप्रैल की रात को आरोपी शाहरुख सैफी ने एक झगड़े के बाद अपने साथी यात्रियों पर कथित रूप से पेट्रोल छिड़कर उन्हें जला दिया था. यह धटना अल्लप्पुझा-कन्नूर एक्जीक्यूटिव एक्सप्रेस ट्रेन के कोझिकोड में इलाथुर के पास कोरापुझा पुल पर पहुंचने के वक्त हुआ था. इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी, और नौ लोग झुलस गए थे, जबकि एक बच्चे सहित तीन लोगों के शव पटरियों से बरामद हुए थे.
पुलिस को आशंका है कि मृतक आग से बचने के प्रयास में ट्रेन से या तो कूद गए होंगे या फिर गिर गए होंगे. जांच में पता चला कि आरोपी शाहरुख सैफी दिल्ली के शाहीन बाग का रहने वाला है, जिसे बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था.