वैज्ञानिकों की अंतरराष्ट्रीय टीम ने स्टडी की. पता चला कि यूरोप और एशिया के बीच मौजूद कैस्पियन सागर, दक्षिण अमेरिका की टिटिकाका झील सब एक साथ भारी मात्.
अमेरिका के सबसे बड़े जलस्रोत लेक मीड में जितना पानी आता है, उसका 17 गुना पानी होता है 22 गीगाटन. यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया के सरफेस हाइड्रोलॉजिस्ट फैंग.
इस स्टडी में बताया गया है कि प्राकृतिक झीलों के जलस्तर और स्रोत में 56 फीसदी की गिरावट है. पानी में आई कमी की सबसे बड़ी वजह इंसानों द्वारा अधिक ..
फैंगफैंग ने कहा कि आमतौर पर साइंटिस्ट ये सोचते हैं कि सूखे इलाके और सूखते जा रहे हैं. गीले इलाके और गीले होते जा रहे हैं. लेकिन ऐसा नहीं है.
स्टडी में पता चला कि इंसानों द्वारा पानी की अधिक खपत. बारिश के पैटर्न में बदलाव. या न होना. मिट्टी का खिसकना. बढ़ता तापमान. इन वजहों से पूरी दुनिया की..
इन झीलों के करीब रहने वाली 200 करोड़ की आबादी अब पानी की किल्लत से जूझ रही है. पिछले कुछ सालों में तो पानी की कमी से उनकी हालत और भी ज्यादा खराब हो…
फिलहाल औसत वैश्विक तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस अधिक है. अगर यह 1.5 डिग्री सेल्सियत तक पहुंच गया तो पूरी दुनिया में सूखे जैसी हालत होगी. इंसान सूखी हुई ..
मध्य एशिया में अरल सागर, मिडिल ईस्ट में डेड सी, अफगानिस्तान, मिस्र और मंगोलिया की झीलें बढ़ते तापमान की वजह से अपना जलभराव क्षेत्र खो रही है..