ताजा सैटेलाइट तस्वीरों ने एक बार चीन की मंशा को उजागर कर दिया है. हालिया सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन ने अपने कब्जे वाले तिब्बत में शिगात्से एयरबेस पर जे20 फिफ्थ जेन फाइटर जेट की कम से कम 1 स्क्वाड्रन को तैनात किया है. ये लोकेशन भारत के पूर्वी क्षेत्र में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी से केवल 150 किमी दूर है.
हाल ही में चीन ने ताइवान के पहली बार सबसे बड़ा ड्रिल शुरू किया था. इस जोरदार युद्धाभ्यास के दौरान चीन ने इस जे-20 फाइटर जेट का इस्तेमाल किया था. तो पहले ताइवान और अब भारतीय सीमा के पास जे-20 की तैनाती जरूर चर्चा का विषय बन गया है. इससे पहले भारत ने तिब्बत सीमा के पास एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम तैनात किया था.
कहां है शीगत्से एयरपोर्ट और क्यों है अहम?
शीगत्से पीस एयरपोर्ट भारतीय सीमा के काफी नजदीक पड़ता है. यह तिब्बत के दूसरे सबसे बड़े शहर शीगत्से में पड़ता है. चीनी शहर ल्हासा से शीगत्से करीब 220 किमी दूर है. तिब्बत का यह पांचवां एयरपोर्ट है. इस एयरपोर्ट का निर्माण 1968 में शुरू हुआ था और यह 1973 में बनकर तैयार हुआ था.
वर्ष 2010 तक इसका इस्तेमाल केवल सैन्य अभ्यासों और जरूरतों के लिए किया जाता था. 30 अक्टूबर 2010 को यह एयरपोर्ट शुरू हुआ. फिर काफी सारा पैसा खर्च कर इसका विस्तार किया गया. और फिर इसका सैन्य और असैन्य, दोनों तरीके से इस्तेमाल होने लगा. अब चीन इसका इस्तेमाल अपने नापाक मंसूबो के लिए करना चाहता है.
सियाचिन ग्लेशियर में भी ऐसा किया था
पिछले महीने अप्रैल में ही चीन के सियाचिन ग्लेशियर के उत्तर दिशा में नई सड़क बनाने के लेकर सैटेलाइट तस्वीरों में खुलासा हुआ था. खबर आई थी कि चीन यहां पर कॉन्क्रीट की सड़क बना रहा है. ये सड़क अवैध रूप से कब्जा किए गए कश्मीर में है. चीन की ओर से पीओके में किए जा रहे सड़क निर्माण का खुलासा उस वक्त हुआ जब यूरोपियन स्पेस एजेंसी की ओर से सैटेलाइट तस्वीरें जारी की गईं. इन तस्वीरों में साफ नजर आ रहा था कि चीन की ओर से सड़क का निर्माण शुरू कर दिया गया है.