पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने माना कि पाकिस्तान ने भारत के साथ 1999 में हुए लाहौर घोषणापत्र का उल्लंघन किया है. कारगिल वॉर का उल्लेख करते हुए नवाज शरीफ ने स्वीकार किया था कि इस्लामाबाद ने लाहौर घोषणापत्र का उल्लंघन किया है और यह उनकी गलती थी. उन्होंने आरोप लगाया कि आईएसआई ने 2017 में उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटाने की साजिश रची थी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को नवाज शरीफ के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आपको इस मुद्दे पर हमारी राय मालूम है. हम देख रहें हैं कि पाकिस्तान में भी वास्तविकता पर आधारित नजरिया सामने आ रहा है.
बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने स्वीकार किया कि देश ने भारत के साथ 1999 के लाहौर घोषणापत्र समझौते का “उल्लंघन” किया है, जिस पर उनके और तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने हस्ताक्षर किए थे. जनरल परवेज मुशर्रफ द्वारा कारगिल की घटना का अप्रत्यक्ष रूप से जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “यह हमारी गलती थी.”
मालदीव पर कोई विशेष प्रस्ताव नहीं
#WATCH | Delhi: On PoK, MEA spokesperson Randhir Jaiswal says, "On PoK, we are very consistent in our position. The whole of Jammu and Kashmir and Ladakh, the union territories, are part of India, an integral part of India. They were an integral part of India. They are an… pic.twitter.com/bfNM3huYCj
— ANI (@ANI) May 30, 2024
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मालदीव मुद्दे पर पूछे गये सवाल पर कहा कि भारत सरकार द्वारा मालदीव के साथ द्विपक्षीय एफटीए के लिए कोई विशेष प्रस्ताव नहीं रखा गया है. यदि मालदीव सरकार भारत के साथ एफटीए करने में रुचि व्यक्त करती है, तो हम इस पर उचित विचार करेंगे.
बिश्केक में छात्रों को हर संभव मदद
बिश्केक में स्थिति पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि बिश्केक में स्थिति सामान्य बनी हुई है. दो सप्ताह से अधिक समय पहले, अन्य देशों के विदेशी छात्रों से जुड़ी कुछ घटनाएं हुई थीं, जिससे हमारे छात्र चिंतित थे. हमारे दूतावास ने तुरंत भारतीय छात्रों से संपर्क किया ताकि उनकी सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित किया जा सके. उन्होंने उनकी सहायता के लिए 24X7 हेल्पलाइन खोली. उन्होंने उनकी भलाई सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय अधिकारियों और विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ भी इस मामले को उठाया. दिल्ली और बिश्केक के बीच और अल्माटी के माध्यम से दैनिक सीधी उड़ानें उन छात्रों के लिए उपलब्ध हैं, जो गर्मियों की छुट्टियों के लिए घर जाना चाहते हैं. हमारा दूतावास भारतीय छात्रों की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है.
फिलीस्तीन को मान्यता देने को लेकर कही ये बात
Delhi: On India’s position regarding the recognition of Palestine by Ireland, Norway and Spain, MEA spokesperson Randhir Jaiswal says, "As you are aware, India was one of the first countries to recognise the state of Palestine in the late 1980s, and we have long supported… pic.twitter.com/O7cT8glleX
— ANI (@ANI) May 30, 2024
राफा पर इजराइल के हमले पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि राफा में विस्थापन शिविर में नागरिकों की हृदय विदारक मौत गहरी चिंता का विषय है. हमने लगातार नागरिक आबादी की सुरक्षा और चल रहे संघर्ष में अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून के सम्मान का आह्वान किया है.
आयरलैंड, नॉर्वे और स्पेन द्वारा फिलिस्तीन को मान्यता दिए जाने के संबंध में भारत की स्थिति के बारे में उन्होंने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं, भारत 1980 के दशक के अंत में फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था और हम लंबे समय से दो राज्य समाधान का समर्थन करते रहे हैं, जिसमें मान्यता प्राप्त और पारस्परिक रूप से सहमत सीमाओं के भीतर फिलिस्तीन के एक संप्रभु, व्यवहार्य और स्वतंत्र राज्य की स्थापना शामिल है, जो इजराइल के साथ शांति से रह सके.