दिल्ली शराब नीति मामले में आम आदमी पार्टी (आप) नेता मनीष सिसोदिया को एक बार फिर से कोर्ट से झटका लगा है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार (30 मई) को मनीष सिसोदिया और अन्य आरोपियों की न्यायिक हिरासत को 6 जुलाई तक बढ़ा दिया है. दिल्ली शराब नीति मामले में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी पिछले साल हुई थी. इस साल फरवरी में सिसोदिया को लखनऊ में अपनी भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए 3 दिन की जमानत भी मिली थी.
मनीष सिसोदिया रद्द हो चुकी दिल्ली शराब नीति मामले में आरोपी हैं. केंद्रीय एजेंसियों के जरिए इस मामले की जांच की जा रही है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पिछले साल फरवरी में मनीष सिसोदिया को शराब नीति मामले में गिरफ्तार किया था. वहीं, पिछले साल ही एक महीने बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी उन्हें इस मामले में 9 मार्च को गिरफ्तार कर लिया. फिलहाल वह दोनों मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं.
शराब नीति मामले में AAP को बनाया गया आरोपी
वहीं, 17 मई को शराब नीति मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने इस केस में आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाया. दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने ईडी के जरिए की गई अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. इस दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने ईडी का पक्ष रखते हुए शराब नीति मामले में आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाया. ईडी ने शराब नीति मामले में नौवीं सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की थी.
AAP ने ईडी के आरोपों को नकारा
आप ने ईडी के आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया. एक बयान में पार्टी ने कहा था कि ईडी बीजेपी की पॉलिटिकल विंग की तरह काम कर रही है. पार्टी का आरोप था कि इस कथित फर्जी जांच के पीछे ईडी का मकसद आम आदमी पार्टी को फंसाना है. पार्टी ने कहा कि बीजेपी राजनीतिक प्रतिशोध के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई करवा रही है.
जमानत पर बाहर हैं अरविंद केजरीवाल
हालांकि, यहां गौर करने वाली बात ये है कि दिल्ली शराब नीति मामले में ही गिरफ्तार किए गए अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक अंतरिम जमानत मिली हुई है. केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. इस दौरान उन्होंने जेल से ही सरकार चलाई और अदालत में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी. सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए केजरीवाल को 21 दिनों की अंतरिम जमानत दी. उन्हें ये जमानत चुनाव प्रचार करने के लिए मिली है. केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करना है.
30 अप्रैल को भी जमानत देने से इनकार
30 अक्टूबर, 2023 को दिए गए अपने फैसले में शीर्ष अदालत ने सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था, लेकिन कहा था कि अगर अगले तीन महीनों में मुकदमा धीरे-धीरे आगे बढ़ता है, तो वह नए सिरे से जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं। राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने कहा कि 30 अप्रैल को सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया जो दूसरी बार नियमित जमानत की मांग कर रहे थे।