नौतपा की चपेट में आकर पूरा उत्तर भारत प्रचंड गर्मी से झुलस रहा है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक में आसमान से आग बरस रही है. बुधवार को मुंगेशपुर में पारा 52.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया तो तापमान मापक यंत्र पर ही सवाल उठने लगे. ऐसी भीषण गर्मी के कारण दिल्ली के साथ ही देश भर में बिजली और पानी की मांग कई गुना बढ़ चुकी है, जिनकी कमी से हाहाकार मचा हुआ है.
दिल्ली में पानी की कमी की जो सबसे बड़ी वजह है, वो है यमुना के जलस्तर का घटना. इसके लिए दिल्ली सरकार हरियाणा को जिम्मेदार ठहरा रही है. दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने आरोप लगाया है कि इस साल एक मई से ही हरियाणा ने यमुना में दिल्ली के हिस्से का पानी रोक दिया. इसके कारण जलस्तर घट गया है.
दिल्ली के कई इलाकों में तो जबरदस्त जलसंकट देखने को मिल रहा है. आइए जान लेते हैं कि दिल्ली में वर्तमान में पानी की कितनी मांग है, कितनी कमी है और व्यवस्था में कहां दिक्कत आ रही.
किल्लत शुरू, जल संकट का खतरा
एक ओर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पारा सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए नित नए कीर्तिमान गढ़ रहा है तो भीषण गर्मी के चलते दिल्ली में पानी की मांग बढ़ गई है. मुंगेशपुर को छोड़ भी दें तो भी शहर के कई हिस्सों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के आंकड़े को छू रहा है. ऐसे में पानी की मांग लगातार बढ़ रही है पर सप्लाई में कमी के कारण कई इलाकों में जनता त्राहि-त्राहि कर रही है. वैसे आमतौर पर भी राजधानी में गर्मी की शुरुवात के साथ ही पानी की मांग बढ़ने लगती है पर इस बार हालात कुछ ज्यादा ही विकराल हैं. ऐसे में किल्लत शुरू होने के साथ ही जल संकट का खतरा भी मंडराने लगा है.
#WATCH | Delhi: People fill their buckets from a water tanker in Chanakyapuri's Sanjay Camp area as Delhi faces a severe water crisis due to record-breaking temperatures. pic.twitter.com/MpMGSVETnJ
— ANI (@ANI) May 30, 2024
आबादी के मुकाबले कम है सप्लाई
ये तो मान लीजिए कि गर्मी के कारण इस वक्त राजधानी में पानी की मांग बढ़ गई है पर दिल्लीवालों की प्यास पूरी तरह बुझा पाने की पूरी तैयारी पहले से नहीं थी. पहले से ही आशंका जताई जा रही थी कि इस बार भी गर्मी में दिल्ली के लोगों की प्यास बुझने वाली नहीं है, क्योंकि राजधानी में जितनी आबादी है, उसके मुकाबले सप्लाई पहले से काफी कम है.
दिल्ली में इस वक्त पानी की सप्लाई 998.8 से 1000 एमजीडी यानी मिलियन गैलन पर डे बताई जा रही है. इसके मुकाबले मांग 1296 एमजीडी से 1300 एमजीडी के करीब है. यानी मांग की तुलना में पानी की सप्लाई करीब 300 एमजीडी कम है.
यह है पानी संकट की सबसे बड़ी वजह
दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने आरोप लगाया है कि इस साल एक मई से ही हरियाणा ने यमुना में दिल्ली के हिस्से का पानी रोक दिया. इसके कारण जलस्तर घट गया है.दिल्ली को पानी की सप्लाई वजीराबाद से होती है, जहां पिछले साल यानी 2023 के अप्रैल, मई और जून महीने में जलस्तर 674.5 फीट दर्ज किया गया था. अगर दिल्ली सरकार के आरोप में सच्चाई है तो हरियाणा के पानी रोकने की वजह से या फिर अन्य कारणों से इस साल मई के पहले ही हफ्ते में वजीराबाद का जलस्तर 674.5 फीट से घट कर 672 फीट पर आ गया था. आगे इसमें और गिरावट आई और 20 मई को जलस्तर 671 फीट, 24 मई को 670.2 फीट और 28 मई को कम होकर 669.8 फीट पर पहुंच गया.
प्लान तो बना पर परवान नहीं चढ़ा
दिल्ली में जल संकट के और भी कारण हैं. राजधानी में पानी की सप्लाई का जिम्मा दिल्ली जल बोर्ड के पास है. गर्मी से पहले ही पानी की मांग और सप्लाई में कमी की देखते हुए जल बोर्ड ने 587 ट्यूबवेल लगाने की योजना बनाई थी, जिससे किल्लत दूर की जा सके. इस योजना के पहले चरण में राजधानी के कुछ इलाकों में ट्यूबवेल लगाए भी जा चुके हैं, जिनसे 19 एमजीडी पानी मिल रहा है.
इस योजना के दूसरे चरण में 259 ट्यूबवेल लगाने के लिए जल बोर्ड को लगभग 1800 करोड़ रुपए की जरूरत थी. इसके लिए जल बोर्ड ने दिल्ली सरकार के वित्त विभाग को पत्र लिखा था पर पैसे नहीं मिल पाए. इसके कारण यह व्यवस्था पूरी तरह से परवान नहीं चढ़ पाई.
इसलिए एक बड़ी वजह यह भी है, जिससे दिल्ली के कई क्षेत्र जल संकट की ओर बढ़ रहे हैं. पूर्वी दिल्ली में तो कई बार घंटों पानी की सप्लाई का इंतजार करना पड़ रहा है. कई इलाकों में पाइप लाइन में लीकेज के कारण गंदे पानी की सप्लाई की समस्या भी सामने आई है.
2000 जुर्माने का प्रावधान, सप्लाई घटाई
जल संकट से बचने के लिए अब बर्बादी रोकने की कवायद शुरू हुई है. इसके लिए जल मंत्री आतिशी ने जल बोर्ड को आदेश दिए हैं. इसके बाद जल बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है कि अगर कोई भी दिल्ली में पानी का दुरुपयोग करते पकड़ा जाएगा तो उससे 2000 हजार रुपए का जुर्माना वसूला जाएगा. पानी की बर्बादी में पाइप लगाकर गाड़ी धोना, टैंक ओवरफ्लो होने से पानी बहना, घरेलू कनेक्शन पर पानी का कॉमर्शियल इस्तेमाल करना और निर्माण साइटों पर इसका इस्तेमाल करना शामिल हैं.
दिल्ली सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि हरियाणा से पर्याप्त पानी नहीं मिलने के करना फिलहाल राजधानी में एक बार ही सप्लाई होगी. पहले दिल्ली में दो बार पानी की सप्लाई हो रही थी. वहीं दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती राजधानी के अलग-अलग क्षेत्रों में बने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का दौरा कर रहे हैं. पानी से जुड़ी जनता की समस्याओं को तुरंत हल करने के लिए जल बोर्ड के अधिकारियों को आदेश दिया गया है.