दिल्ली में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच उपजे जल संकट को लेकर अब दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. पानी की समस्या को लेकर दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दिल्ली में हरियाणा, यूपी और हिमाचल प्रदेश से एक महीने के लिए अतरिक्त पानी देने की मांग की है.
बढ़ते जल संकट को देखते हुए दिल्ली सरकार ने कार धोने और निर्माण स्थलों पर पीने योग्य पानी के उपयोग पर प्रतिबंध सहित कई आपातकालीन उपायों की घोषणा की है. आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने बुधवार को पानी की बर्बादी पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया और जुर्माना लागू करने के लिए 200 टीमें बनाईं हैं. वहीं चाणक्यपुरी के संजय कैंप में लोग टैंकरों से पानी भरने के लिए फुटपाथों पर कतार में खड़े नजर आए. यही स्थिति चाणक्यपुरी के ही विवेकानंद कॉलोनी में देखने को मिली जब लोग पानी भरने के लिए टैंकर पर चढ़ गए.
केजरीवाल का पोस्ट
वहीं बढ़ते संकट के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा नेताओं से अपने राजनीतिक मतभेदों को अलग रखकर राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट से निपटने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया. केजरीवाल ने पोस्ट करते हुए कहा, ‘पर इतनी भीषण गर्मी में पानी की डिमांड बहुत बढ़ गयी है. और जो पानी दिल्ली को पड़ोसी राज्यों से मिलता था, उसमे भी कमी कर दी गयी है. यानी डिमांड बहुत बढ़ गयी और सप्लाई कम हो गयी. हम सबको मिलकर इसका निवारण करना है.’
केजरीवाल ने आगे कहा, ‘मैं देख रहा हूँ कि बीजेपी के साथी हमारे ख़िलाफ़ धरने प्रदर्शन कर रहे हैं. इस से समस्या का समाधान नहीं निकलेगा. मेरी सभी से हाथ जोड़ कर विनती है कि इस वक़्त राजनीति करने की बजाय, आइये मिलकर दिल्ली के लोगों को राहत दिलवायें. यदि बीजेपी हरियाणा और UP की अपनी सरकारों से बात करके एक महीने के लिए दिल्ली को कुछ पानी दिलवा दें तो दिल्ली वाले बीजेपी के इस कदम की खूब सराहना करेंगे. इतनी भीषण गर्मी किसी के हाथ की बात नहीं. लेकिन हम सब मिलकर काम करें तो लोगों को इस से राहत तो दिलवा सकते हैं?’
इससे पहले जल संसाधन मंत्री आतिशी ने हरियाणा पर एक मई से दिल्ली के हिस्से का पानी नहीं देने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि अगर आने वाले दिनों में शहर को यमुना के पानी की आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ तो दिल्ली सरकार उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकती है.