20 मई को उद्धव ठाकरे की पत्रकारों के साथ की गई प्रेस कांफ्रेंस को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है. आयोग ने राज्य चुनाव आयोग को शिव सेना प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है. आशीष शेलार ने आचार संहिता के दौरान उद्धव बाला साहेब ठाकरे की प्रेस कांफ्रेंस पर आपत्ति जताई है.
20 मई को उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग पर कई आरोप लगाए थे. इस दिन राज्य की 13 सीटों पर मतदान हुए थे, जिसमें मुंबई की सभी छह लोकसभा सीटें भी शामिल थीं. इस की शिकायत आशीष शेलार ने चुनाव आयोग से की थी.
क्या हैं उद्धव ठाकरे पर आरोप?
पत्रकारों से बात करते हुए उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया था कि मुंबई में मतदान के दिन कई मतदाताओं के नाम वोटिंग लिस्ट से हटा दिए गए हैं. उद्धव ठाकरे ने ये भी आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग जानबूझकर उन जगहों पर वोटिंग के लिए ज्यादा वक्त दे रहा है, जहां से ठाकरे ग्रुप या महाविकास अघाड़ी को ज्यादा वोट मिल सकते हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की देरी के कारण मतदान केंद्रों के बाहर मतदाताओं की लंबी कतारें लग गई हैं. जिसके चलते कई मतदाताओं ने ऊबकर वोट न देने का फैसला किया है. इसी कांफ्रेस पर ठाकरे के ऊपर चुनाव प्रभावित करने का आरोप लगाया गया है.
चुनाव आयोग के फैसले पर शिवसेना की प्रतिक्रिया
चुनाव आयोग के इस आदेश पर ठाकरे समूह की नेता सुषमा अंधारे ने कहा, “आशीष शेलार को चुनाव आयोग ज्यादा ही मान्यता दे रहा है. आशीष को हमारे लिए भी सिफ़ारिश करनी चाहिए. क्योंकि हमने ठाणे से एक वीडियो ट्वीट किया था. लेकिन आयोग ने संज्ञान नहीं लिया. बीड में बूथ कैप्चरिंग, दमदती, पैसे बांटने के वीडियो शेयर किए गए. लेकिन चुनाव आयोग ने संज्ञान नहीं लिया. सुषमा अंधारे ने कहा कि हम शेलार से हमारी ओर से चुनाव आयोग को सिफारिश करने का अनुरोध करते हैं.
विपक्षी गठबंधन में शामिल हैं उद्धव
लोकसभा चुनाव 2024 में उद्धव ठाकरे की पार्टी विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में शामिल थी। वहीं, शिवसेना का ही एकनाथ शिंदे गुट सत्ताधारी एनडीए गठबंध का हिस्सा था। ऐसे में कई सीटों पर शिवसेना के नेता एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे थे, जो लंबे समय तक एक ही पार्टी का हिस्सा थे। इन सभी सीटों पर लड़ाई कांटे की थी और नतीजे पर सभी की नजरें बनी हुई हैं।