5 जून 2024 की तारीख को देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन है। वह 52 वर्ष के हो गए हैं। योगी आदित्यनाथ की गिनती देश के सबसे फायर ब्रांड नेताओं में की जाती है। योगी के समर्थक उन्हें योगी बाबा, बुलडोजर बाबा समेत कई नाम से बुलाते हैं। योगी आदित्यनाथ दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इसके साथ ही वह 5 बार लोकसभा के सांसद भी रह चुके हैं। आइए जानते हैं सीएम योगी के बारे में कुछ दिलचस्प बातें।
कैसे बने अजय बिष्ट से योगी?
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के पंचुर गांव में हुआ था। योगी का असल नाम अजय सिंह बिष्ट था। योगी के पिता आनंद सिंह बिष्ट फोरेस्ट रेंजर थे। सीएम योगी ने गणित में बीएससी की डिग्री हासिल की है। वह 1990 में एबीवीपी से जुड़े थे। साल 1993 में वह गोरखनाथ पीठ के महंत अद्वैतनाथ के संपर्क में आए। साल 1994 आते-आते सीएम योगी संन्यासी बन गए। वह नाथ संप्रदाय के संत बने। इसके बाद इनका नाम योगी आदित्यनाथ हुआ। 1994 में अद्वैतनाथ ने योगी को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था।
कैसे हुई राजनीति में एंट्री?
योगी आदित्यनाथ साल 1998 में पहली बार 26 वर्ष की उम्र में गोरखपुर से भाजपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत भी गए। इसके बाद वह साल 1999, 2004, 2009 और 2014 में भी गोरखपुर से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। साल 2014 में महंत अद्वैतनाथ का निधन हो गया। इसके बाद योगी गोरखनाथ पीठ के महंत बने।
ऐसे बने सीएम
साल 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज की। जब परिणाम जारी होने वाले थे उस वक्त योगी आदित्यनाथ को विदेश दौरे पर जाना था। हालांकि, एन मौके पर उन्हें रोक लिया गया और चुनाव परिणाम तक रुकने की बात कही गई। उस वक्त सीएम पद को लेकर भाजपा में मनोज सिन्हा, केशव मौर्य समेत कई नाम चल रहे थे। हालांकि, अचानक योगी आदित्यनाथ को चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली बुलाया गया और आलाकमान ने उन्हें यूपी की सत्ता संभालने को कहा।
कैसे बन गए बुलडोर बाबा?
जब सीएम योगी को उत्तर प्रदेश की कमान मिली तो उनके सामने सबसे बड़ी समस्या राज्य की कानून व्यवस्था थी। हालांकि, उन्होंने पुलिस प्रशासन को सख्त निर्देश और अपराधियों पर लगाम लगाने की छूट दी। योगी की अगुवाई में 2022 में भी भाजपा ने यूपी में जीत हासिल की। सीएम योगी के कार्यकाल में अपराध करने वालों के घरों पर अक्सर बुलडोजर से कार्रवाई की जाने लगी। शायद इसलिए ही उन्हें बुलडोजर बाबा भी कहा जाने लगा।