आम आदमी पार्टी (आप) ने पूरे जोर-शोर के साथ लोकसभा चुनाव लड़ा. उसे उम्मीद थी कि इस बार वह ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतेगी और इंडिया गठबंधन की सरकार बनाने में मदद करेगी. दो राज्यों में सरकार चलाने वाली आम आदमी पार्टी ने पूर्व से लेकर पश्चिम तक के राज्यों में चुनाव लड़ा. आप ने दिल्ली, पंजाब, गुजरात, हरियाणा के अलावा असम में भी अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे थे.
आप ने इंडिया गठबंधन में रहने के बावजूद पंजाब की सभी 13 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे. हालांकि, दिल्ली में इसने कांग्रेस के साथ सीटों का बंटवारा किया. दिल्ली की चार सीटों- दक्षिणी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली और नई दिल्ली- से आप के उम्मीदवार मैदान में थे. ऐसे ही हरियाणा की कुरुक्षेत्र सीट से भी ताल ठोकी गई. गुजरात के भावनगर और भरूच एवं असम की डिब्रूगढ़ और सोनितपुर से भी आप प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे थे.
हालांकि, अब यहां सवाल उठता है कि देश की 22 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी का चुनावी हाल कैसा रहा है. उसे कितनी सीटों पर जीत मिली है और कितनी पर उसे हार का मुंह देखना पड़ा है. आइए इस बारे में विस्तार से समझते हैं
पंजाब में क्या कहा आप का हाल?
आम आदमी पार्टी ने पंजाब में सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे. आप को उम्मीद थी कि राज्य में उसकी सरकार है, ऐसे में वह कम से कम राज्य की 13 सीटों में से 10 पर तो जीत हासिल करेगी. हालांकि, नतीजों में ऐसा होता हुआ नहीं दिखा. होशियारपुर, आनंदपुर साहिब और संगरूर को छोड़कर बाकी की सभी 10 सीटों पर आप को हार का सामना करना पड़ा.
दिल्ली में भी हुआ बुरा हाल?
आप ने दिल्ली में कांग्रेस के साथ गठबंधन किया, इसके तहत दक्षिणी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली और नई दिल्ली के तौर पर चार सीटें उसके खाते में आईं. हालांकि, चारों ही सीटों पर उसे हार का मुंह देखना पड़ा. यहां हैरानी वाली ये है कि 2014 और 2019 में भी आम आदमी पार्टी को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी. दोनों ही बार यहां बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया था.
हरियाणा, गुजरात और असम में नहीं खुला खाता
हरियाणा की कुरुक्षेत्र सीट भी आम आदमी पार्टी को जीत नहीं मिली. वह इस राज्य में कुरुक्षेत्र सीट पर दूसरे स्थान पर रही. आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार डॉ सुशील गुप्ता को 29 हजार वोटों से बीजेपी के नवीन जिंदल के हाथों हार का सामना करना पड़ा.
गुजरात में आप ने पिछले विधानसभा चुनाव से ही पैठ बनाना शुरू किया. भावनगर और भरूच सीटों पर वह अकेले ही चुनाव लड़ने भी उतर गई. मगर उसे इन दोनों सीटों पर भी जीत नसीब हुई. इन दोनों ही सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों को जीत मिली.
ऐसे ही हाल डिब्रूगढ़ और सोनितपुर सीटों पर हुआ, जहां भी उसे जीत नहीं मिली. डिब्रूगढ़ सीट पर बीजेपी उम्मीदवार सर्बानंद सोनोवाल को जीत हासिल हुई. आप यहां पर तीसरे नंबर पर रही. सोनितपुर सीट पर भी आप तीसरे नंबर पर रह गई.