दिल्ली के एक कोर्ट ने CM अरविन्द केजरीवाल की स्वास्थ्य आधार पर जमानत याचिका को खारिज करते हुए खूब सुनाया है। कोर्ट ने उनकी चुनाव प्रचार में चुस्ती को देखते हुए मानने से इनकार कर दिया है कि उन्हें कोई गंभीर बीमारी है। कोर्ट ने उन्हें स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत देने से मना कर दिया है।
बुधवार (5 जून, 2024) को दिल्ली के राउज अवेन्यु कोर्ट में जज कावेरी बावेजा ने CM केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए अहम टिप्पणियाँ की है। उन्होंने कहा, “अरविन्द केजरीवाल द्वारा किए गए व्यापक प्रचार, दौरे और कार्यक्रम, यह संकेत देते हैं कि वह किसी गंभीर या ‘जीवन के लिए खतरे’ वाली बीमारी से पीड़ित नहीं हैं, जिससे कि वे PMLA की धारा 45 के अनुसार जमानत ले सकें।”
कोर्ट ने कहा कि CM केजरीवाल ने इस बात पर जमानत माँगी है कि उनका कीटोन का स्तर गिरा है और वजन कम हुआ है जो कि मेडिकल आधार से भी बदतर है। कोर्ट ने यह भी पूछा कि आखिर जेल के भीतर उनके टेस्ट क्यों नहीं किए जा सकते और इसके लिए अलग जमानत की माँग क्यों की गई।
कोर्ट ने कहा, “केजरीवाल के अनुसार, वह एक संभावित बीमारी के ‘निदान’ के लिए अंतरिम जमानत चाहते है, इसे जमानत के लिए वैध आधार नहीं कहा जा सकता है, खासकर जब उनके हिरासत में रहते हुए इस बात का समाधान किया जा सकता है।”
कोर्ट ने केजरीवाल की स्वास्थ्य जाँच के लिए AIIMS के डॉक्टरों का एक बोर्ड बनाने और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने इस मामले में आदेश दिए हैं कि जो भी टेस्ट जरूरी समझे जाएँ, वह जल्द हों। कोर्ट ने यह आदेश देने के साथ ही CM केजरीवाल को स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत देने से मना कर दिया।
गौरलतब है कि दिल्ली CM केजरीवाल ने राउज अवेन्यु कोर्ट में स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत के लिए याचिका लगाई थी। उन्होंने 7 दिनों के अंतरिम जमानत दिए जाने की माँग की थी ताकि वह अपने मेडिकल टेस्ट करवा सकें। उन्होंने इसके नियमित जमानत के लिए भी कोर्ट में याचिका लगाई थी, इस पर शुक्रवार (7 जून, 2024) को सुनवाई है।
इससे पहले उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में भी 7 दिनों की अंतरिम जमानत के लिए एक याचिका लगाई थी। इस पर उन्हें कोई राहत नहीं मिली थी। यह याचिका उन्होंने अपनी 21 दिन की चुनावी जमानत को बढ़ाने के लिए लगाई थी। उन्होंने 2 जून, 2024 को कोर्ट के सामने सरेंडर कर दिया था।
दिल्ली CM केजरीवाल को मार्च, 2024 में प्रवर्तन निदेशलय (ED) ने दिल्ली शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने उन्हें इस मामले का सरगना बताया था। एजेंसी उन्हें हर बार जमानत देने का विरोध करती आई है।