दिल्ली में कल देर शाम एनडीए की बैठक हुई। बैठक में एनडीए के तमाम नेताओं ने नरेंद्र मोदी के समर्थन में प्रस्ताव पास किया। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू ने भी नरेंद्र मोदी को अपना समर्थन दे दिया है। साफ है कि अब जल्द ही नई सरकार का गठन होगा। इस सबके LJPR नेता चिराग पासवान ने बड़ा बयान दिया।
#WATCH दिल्ली: LJP (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने कहा, "नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। कल NDA के नेताओं की बैठक थी…प्रधानमंत्री मोदी की वजह से ही NDA को प्रचंड बहुमत मिली है…कल NDA के घटक दलों ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को स्वीकारा है…" pic.twitter.com/awsEPPSKW7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 6, 2024
एलजेपी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने कहा, “…मेरे पीएम तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। कल एनडीए के सभी नेताओं की बैठक हुई… हमारी जीत से कोई इनकार नहीं कर सकता। एनडीए को ये प्रचंड बहुमत प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में मिली है”।
‘जरा-सी भी चूक हो जाए तो…’
चिराग पासवान ने यह भी कहा कि कभी-कभी हम अपने लिए इतना बड़ा लक्ष्य तय कर लेते हैं कि जरा-सी भी चूक हो जाए तो सवाल उठने लगते हैं।
‘यह कोई सामान्य बात नहीं है…’
उन्होंने कहा, “यह कोई सामान्य बात नहीं है कि एनडीए को तीसरी बार जनादेश मिला है। कल की बैठक में एनडीए के सभी सहयोगियों ने बिना किसी शर्त के एक बार फिर उनका (मोदी) नेतृत्व स्वीकार कर लिया है”।
चिराग पासवान ने केंद्र में क्या मांगा?
NDA सरकार में अपनी पार्टी द्वारा 2-3 कैबिनेट पदों की मांग की खबरों पर चिराग पासवान ने कहा, “मैं ऐसी सभी बातों का खंडन करता हूं। कोई मांग नहीं है। कोई मांग हो ही नहीं सकती, क्योंकि हमारा लक्ष्य प्रधानमंत्री को फिर से प्रधानमंत्री बनाना था… यह विशेषाधिकार प्रधानमंत्री के पास ही है कि वे अपने मंत्रिमंडल में किसको जगह देते हैं और किसको नहीं देते हैं…”
#WATCH दिल्ली: NDA सरकार में अपनी पार्टी द्वारा 2-3 कैबिनेट पदों की मांग की खबरों पर LJP (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने कहा, "मैं ऐसी सभी बातों का खंडन करता हूँ। कोई मांग नहीं है। कोई मांग हो ही नहीं सकती क्योंकि हमारा लक्ष्य प्रधानमंत्री को फिर से प्रधानमंत्री बनाना था…यह… pic.twitter.com/8HBfRsBIEk
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अभिनय की दुनिया से राजनीति तक कैसे पहुंचे चिराग
चिराग पासवान बॉलीवुड में भी काम कर चुके हैं. लेकिन राजनीति में उनकी एंट्री साल 2010 के विधानसभा चुनाव के दौरान हुई थी . जब वो मंच पर अपने पिता रामविलास पासवान के साथ नजर आते थे. 2010 के चुनाव में रामविलास पासवान की पार्टी का लालू यादव की पार्टी राजद के साथ गठबंधन था. लेकिन तब ये गठबंधन असफल रहा. विधानसभा चुनाव में हार के बाद लोजपा के सामने खुद के अस्तित्व का संकट मंडरा रहा था. इसी बीच केंद्र में नरेंद्र मोदी के उदय की शुरुआत हुई. साल 2013 आते-आते बीजेपी की बागडोर नरेंद्र मोदी के हाथों आ गयी.
इसी दौर में बिहार में नीतीश कुमार बीजेपी के साथ असहज हो गए और उन्होंने एनडीए से रास्ता अलग कर लिया. नीतीश कुमार के एनडीए छोड़ने के बाद रामविलास पासवान की पार्टी ने एनडीए साथ गठबंधन कर लिया. फिर 2014 में 7 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए लोजपा ने 6 सीटों पर शानदार जीत दर्ज कर ली. चिराग पासवान जमुई से लोकसभा सांसद बन गए. वहीं उनके पिता रामविलास पासवान मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री का पद संभाला. इसके साथ ही मोदी और हनुमान चिराग की दोस्ती हर जगह सुर्खियां बटोरने लगी. यही वजह है कि चिराग पासवान खुद को पीएम मोदी के सबसे वफादारों में से एक मानते हैं.
राजनीतिक की दुनिया में चिराग का कद बढ़ा
18 वीं लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद चिराग पासवान की राजनीति फिर लाइमलाइट में हैं. अब उनके पास 5 सांसद हैं. साथ ही रामविलास पासवान के दौर से यह माना जाता रहा है कि केवल उनकी पार्टी ही बिहार की एकमात्र पार्टी है जो किसी भी गठबंधन के पक्ष में वोट ट्रांसफर करवा सकती है. राजनीति की दुनिया में वोट ट्रांसफर कराने की कुव्वत जिस पार्टी की हो, उसकी अहमियत सबसे अलग होती है. इस बार के चुनाव में चिराग पासवान का रसूख और बढ़ा है, जो कि आने वाले वक्त में और ज्यादा बढ़ सकता है बशर्ते वो आगे चलकर भी राजनीति की दुनिया में इसी तरह का बढ़िया प्रदर्शन कर सकें. आने वाले चुनावों और सरकार में चिराग पासवान की मजबूत उपस्थिति हो सकती है. हनुमान बनकर उनके द्वारा किया गया तपस्या उन्हें अब सत्ता के केंद्र में लेकर खड़ा कर दिया है.