आंध्र प्रदेश में तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) की जीत के बाद, विशाखापत्तनम में बुधवार को पार्टी कार्यकर्ताओं ने ‘वाईएसआर व्यूपॉइंट’ का नाम बदलकर उसका पुराना नाम ‘अब्दुल कलाम व्यूपॉइंट’ कर दिया। इस घटना के कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें टीडीपी समर्थकों को व्यूपॉइंट के साइनबोर्ड को बदलते हुए देखा जा सकता है।
विशाखापत्तनम में यह व्यूपॉइंट पहले ‘अब्दुल कलाम व्यूपॉइंट’ के नाम से जाना जाता था। परंतु, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के कार्यकाल के दौरान इसका नाम बदलकर उनके पिता और राज्य के दिवंगत मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी के नाम पर ‘वाईएसआर व्यूपॉइंट’ कर दिया गया था। यह नाम परिवर्तन उस समय टीडीपी समर्थकों और जनता के बीच विवाद का कारण बना था, क्योंकि लोग पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम को सम्मानित करना चाहते थे।
नाम परिवर्तन के पीछे कारण
टीडीपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह कदम पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के प्रति सम्मान प्रकट करने और जनता की भावनाओं का सम्मान करने के लिए उठाया गया है। एक टीडीपी नेता ने कहा, “अब्दुल कलाम ने विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया है और उन्हें ‘मिसाइल मैन’ के रूप में जाना जाता है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि इस महत्वपूर्ण व्यूपॉइंट का नाम उनके नाम पर हो।”
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस नाम परिवर्तन के बाद, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के नेताओं ने कड़ा विरोध किया है। उन्होंने इसे टीडीपी द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए उठाया गया कदम करार दिया। विशाखापत्तनम में ‘वाईएसआर व्यूपॉइंट’ का नाम बदलकर ‘अब्दुल कलाम व्यूपॉइंट’ करने की यह घटना एक बार फिर से यह दिखाती है कि कैसे राजनीतिक दल अपने नेताओं और आइकनों के सम्मान में सार्वजनिक स्थानों के नामकरण को लेकर मतभेद कर सकते हैं। यह समय ही बताएगा कि इस नाम परिवर्तन का स्थायी प्रभाव क्या होगा, परंतु यह स्पष्ट है कि इसने एक बार फिर से राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।