गुजरात एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ते) द्वारा की गई एक महत्वपूर्ण जांच में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान में बैठे आतंकियों ने गुजरात में तबाही मचाने का सामान ड्रोन के जरिए राजस्थान और फिर वहां से अहमदाबाद के चीलोदा विस्तार तक पहुंचाया था। यह जानकारी अहमदाबाद एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किए गए IS के चार आतंकवादियों की पूछताछ और तकनीकी सर्विलांस के बाद सामने आई है।
गिरफ्तारी और पूछताछ
अहमदाबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किए गए चार आतंकवादी – मोहम्मद नुसरत, नफ़रान, रसदीन और फरिस को 14 दिन के रिमांड पर लिया गया था। इनकी गिरफ्तारी के बाद गुजरात एटीएस ने उनके मोबाइल फोन और ईमेल की जांच की। इस जांच के दौरान अहम सुराग मिले जिससे पता चला कि आतंकियों ने नाना चिलोड़ा विस्तार में 20 राउंड लोडेड ‘फेड्रेली एडमिनिस्ट्रेट ट्राइबल एरिया’ लिखी हुई तीन पिस्टल छुपा रखी थीं।
गुजरात एटीएस ने तत्काल उस क्षेत्र में खोजबीन शुरू की जहां से हथियार मिले थे। क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज और टोल बूथ के सीसीटीवी की जांच के बाद पता चला कि बिना नंबर प्लेट की एक कार ने वह पिस्टल रखी थी। इसके अलावा, आसपास की सोसायटी में किराए पर रहने वाले लोगों की भी जानकारी एकत्रित की गई।
राजस्थान से गुजरात तक का सफर
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि ये हथियार राजस्थान से गुजरात लाए गए थे। पुलिस का मानना है कि राजस्थान में पाकिस्तान से सीमा के करीब किसी जगह पर ड्रोन के जरिए ये हथियार पहुंचाए गए थे। इसके बाद, इन्हें गुजरात के गांधीनगर जिले के चीलोदा विस्तार में लाया गया।
गुजरात एटीएस अब यह पता लगाने में जुटी है कि वह कौन व्यक्ति था जिसने ये हथियार चीलोदा में छोड़े। पुलिस को उम्मीद है कि जल्दी ही उस शख्स को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। फिलहाल इस मामले में पुलिस द्वारा जारी जांच जारी है और आने वाले दिनों में और भी महत्वपूर्ण खुलासे होने की संभावना है। इस बड़े खुलासे के बाद से यह स्पष्ट हो गया है कि आतंकवादी संगठन ड्रोन तकनीक का उपयोग करके सीमा के पार अपने नापाक इरादों को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि गुजरात एटीएस की तत्परता और कुशलता ने एक बड़े आतंकी हमले को टाल दिया है। वही समय के साथ बदल रही तकनीक को ध्यान में रखते हुए आने वाले दिनों में सुरक्षा एजेंसियों को और सतर्क रहना होगा और नई-नई तकनीकों के जरिए हो रहे आतंकी गतिविधियों पर निगरानी रखनी होगी।।