राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET 2024) में हुई कथित तौर पर गड़बड़ियों के मामले में राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने सफाई दी है। एनटीए के डायरेक्टर जनरल सुबोध कुमार सिंह ने कहा,”हमारी समिति की बैठक हुई और उन्होंने केंद्रों और सीसीटीवी के सभी विवरणों का अध्ययन किया।”
सावधानीपूर्वक विश्लेषण करने के बाद रिजल्ट जारी किए गए: एनटीए
सुबोध कुमार सिंह ने कह,”एनटीए को पता चला कि कुछ केंद्रों पर समय बर्बाद हुआ और छात्रों को इसके लिए मुआवजा दिया जाना चाहिए।” छात्रों की शिकायतों पर समिति विचार करेगी। वहीं, गड़बड़ियों का समाधान निकाला जाएगा।”
उन्होंने आगे कहा कि कुछ उम्मीदवारों को 718 और 719 अंक मिले और 6 उम्मीदवार टॉपर बन गए, जिसकी वजह से सवाल खड़े किए जा रहे हैं। हमने सभी चीजों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करने के बाद रिजल्ट जारी किए। 4750 एग्जाम सेंटर्स में सिर्फ 6 सेंटर्स में ही गड़बड़ियां सामने आई है। वहीं, परीक्षा देने वाले 24 छात्रों में से केवल 1600 छात्रों को ही समस्या का सामना करना पड़ा है।
एनटीए डीजी सुबोध कुमार सिंह ने बताया कि कोई पेपर लीक नहीं हुआ है। वहीं, पूरी परीक्षा प्रक्रिया बेहद पारदर्शी रही।
#WATCH | Delhi: On NEET issue, NTA DG Subodh Kumar Singh says, "Our committee met and they perused all the details of the centres and the CCTVs… They found out that at some centres the time was lost and the students should be compensated for that… The committee thought they… pic.twitter.com/LaVhlwF1eQ
— ANI (@ANI) June 8, 2024
जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क ने एनटीए को दी चेतावनी
बता दें कि नीट परीक्षा में कथित तौर पर हुई गड़बड़ियों को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क ने चेतावनी दी थी अगर छात्रों की परेशानी दूर नहीं की गई तो वे हड़ताल करेंगे। जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के अध्यक्ष प्रदीप कुमार जोशी को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में एनटीए से कई सवाल पूछे गए थे।
‘मामला सिर्फ 6 सेंटर्स और 1600 बच्चों का’
NTA के डीजी ने कहा,”एक कमिटी गठित हुई और उसमें पाया गया के टाइम loss हुआ है, जिस के बाद उनके नंबर बढ़ाए गए। मीडिया में ये सवाल उठा रहें हैं के 719-718 कैसे आए हैं, हमने सब की जांच करने के बाद ही परिणाम घोषित किए। पूरे देश में ऐसा नहीं हुआ है कुछ ही सेंटर में ये हुआ है जिससे 1600 बच्चे प्रभावित हुए। हम इसकी जाँच कर रही हैं। कमिटी बनाई गई है जो ये देखेगी के इन 1600 में से जिन बच्चों का time loss हुआ है और 6 सेंटर में हुआ। यह समिति पूर्व यूपीएससी अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की अध्यक्षता में गठित की गई है। हमें एक सप्ताह में उनकी सिफारिशें मिल जाएंगी। मामला सिर्फ 6 सेंटर्स और 1600 बच्चों का है।”