मणिपुर के जिरीबाम जिले में कथित तौर पर उग्रवादियों ने एक व्यक्ति की हत्या कर दी। जिसके कारण वहां भड़की हिंसा के बाद मैतेई समुदाय के 200 से अधिक लोगों को उनके गांवों से निकालकर नए बनाए गए राहत शिविर में पहुंचाया गया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
जिरीबाम जिले के बाहरी गांवों लमताई खुनौ, डिबोंग खुनौ, नुनखाल और बेगरा में संदिग्ध उग्रवादियों ने जिरी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में राहत शिविर में रह रहे लोगों के घरों को जला दिया।
शहर से 30 किमी दूर रह रहे विस्थापित
अधिकारियों ने बताया कि नए विस्थापित हुए अधिकांश लोग जिरीबाम शहर से 30 किलोमीटर से अधिक दूर के गांवों में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि अधिक सुरक्षाकर्मियों को इलाके में भेजा गया है।
मणिपुर पुलिस ने इंफाल घाटी में स्थित राज्य पुलिस के कमांडो कर्मियों को तत्काल प्रभाव से शनिवार को ड्यूटी के लिए जिरीबाम जाने का आदेश दिया है।
खेत से लापता हो गए थे सोइबाम सरतकुमार
पुलिस ने बताया कि जातीय संघर्ष से ग्रस्त मणिपुर के जिरीबाम जिले में गुरुवार शाम को तनाव फैल गया, जब एक समुदाय के 59 वर्षीय व्यक्ति की दूसरे समुदाय के उग्रवादियों द्वारा कथित तौर पर हत्या कर दी गई।
सोइबाम सरतकुमार सिंह नामक व्यक्ति सुबह अपने खेत में जाने के बाद लापता हो गया था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बाद में उसका शव मिला, जिस पर किसी नुकीली चीज से घाव के निशान थे। उन्होंने बताया कि घटना के बाद गुस्साए स्थानीय लोगों ने प्रतिशोध में एक खाली पड़े ढांचे में आग लगा दी।
लोगों ने हथियार वापसी के लिए किया प्रदर्शन
स्थानीय लोगों ने जिरीबाम पुलिस थाने के सामने विरोध प्रदर्शन भी किया और मांग की कि चुनाव के मद्देनजर उनसे लिए गए लाइसेंसी हथियार चुनाव समाप्त होने के बाद उन्हें लौटा दिए जाएं।
जिरीबाम, जिसमें मैतेई, मुस्लिम, नागा, कुकी और गैर-मणिपुरी लोगों की एक विविध जातीय संरचना है, पिछले साल मई से मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष से अब तक अप्रभावित रहा है। इम्फाल घाटी स्थित मैतेई और पहाड़ी क्षेत्र स्थित कुकी लोगों के बीच जातीय संघर्ष के कारण 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।