परमाणु बम की धमकी देने वाला उत्तर कोरिया अब गंदी हरकत पर उतर आया है। उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया के अंदर एक बार फिर कचरे से भरे सैकड़ों गुब्बारे भेजे हैं। यह हरकत ऐसे समय में की गई है, जब हाल ही में दक्षिण कोरिया में प्योंगयांग विरोधी कार्यकर्ताओं ने यह कहा था कि उन्होंने सीमा पार तानाशह किम जोंग उन के खिलाफ गुब्बारे के जरिए पर्चे भेजे हैं। बताया जा रहा है कि तानाशह किम जोंग उन ने जो कूड़ा भेजा है, उसमें सिगरेट के टुकड़ों से लेकर कार्डबोर्ड और प्लास्टिक के टुकड़े तक शामिल हैं।
लोगों को किया अलर्ट
सियोल की सेना पहले से ही ऐसी हरकत को लेकर अलर्ट थी। इसी बीच, यह कचरे वाले गुब्बारे की खबर सामने आ गई। संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ ने कहा कि उत्तर कोरिया एक बार फिर दक्षिण कोरिया की ओर कचरा वाले गुब्बारे भेज रहा है। उन्होंने लोगों को सलाह दी कि वे किसी भी गुब्बारे की सूचना अधिकारियों को दें और उन्हें छूने से बचें। वहीं, सियोल प्रशासन के साथ-साथ ग्योंगगी प्रांत के अधिकारियों ने भी लोगों को गुब्बारों के प्रति अलर्ट किया।
South Korea to begin loudspeaker broadcasts in border areas in retaliation against Pyongyang's trash balloons
Read @ANI Story | https://t.co/V1vVud1f4j#SouthKorea #Pyongyang #Loudspeakers #Broadcasts #BorderAreas #TrashBalloons pic.twitter.com/mpX5yRgYvr
— ANI Digital (@ani_digital) June 10, 2024
सैकड़ों कचरे वाले गुब्बारे भेजे
दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा कि उत्तर कोरिया ने सप्ताह के अंत में एक बार फिर से सैकड़ों कचरे वाले गुब्बारे यहां भेजे। उन्होंने कहा कि मई से लेकर अब तक तीसरी बार ऐसी हरकत की गई है। सेना ने पहले कहा था कि वह इस बात की जांच कर रही है कि गुब्बारों में उत्तर कोरियाई प्रचार सामग्री तो नहीं है। हालिया घटना उत्तर कोरिया के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उसने कहा था कि वह दक्षिण में कार्यकर्ताओं की ओर से सीमावर्ती इलाकों में लगातार पर्चे और अन्य कूड़ा-कचरा फैलाने के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेगा।
बता दें, 1950 के दशक में कोरियाई युद्ध के बाद से उत्तर और दक्षिण कोरिया दोनों ने अपने प्रचार अभियान में गुब्बारे का इस्तेमाल किया है।
तानाशाह को ऐसे चिढ़ा रहा दक्षिण कोरिया
प्योंगयांग ने पहले आश्वासन दिया था कि वह रविवार को ऐसी किसी भी हरकत पर रोक लगा देगा। हालांकि, कुछ दिनों बाद एक दक्षिण कोरियाई समूह ने फाइटर्स फॉर फ्री नॉर्थ कोरिया मुहिम छेड़ दी। उसने उत्तर कोरियाई कचरे भरे गुब्बारे के जवाब में सीमा पर लाउडस्पीकर का प्रसारण शुरू कर दिया। इन लाउडस्पीकरों का मुंह उत्तर कोरिया की तरफ कर दिया। इनमें के-पॉप के संगीत बजाए जा रहे हैं, जिनसे उत्तर कोरिया खूब चिढ़ता है। उत्तर कोरिया में के-पॉप के गाने सुनने या उसके संगीत को रखने भर पर सख्त सजा का प्रावधान है। दक्षिण कोरियाई सेना ने कहा है कि लाउडस्पीकर लगाना एक चेतावनी है। साथ ही किम के शासन की निंदा करने वाले दो लाख पर्चे के साथ 10 गुब्बारे भेजे थे।
उत्तर कोरियाई से निकाले गए लोगों से बने एक अन्य समूह ने भी कहा कि उसने शुक्रवार को 100 रेडियो, 200,000 प्योंगयांग विरोधी पर्चे और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यूं सुक येओल के भाषण वाले 10 गुब्बारे भेजे थे। दूसरे समूह के नेता जंग से-युल ने शनिवार को कहा कि हम अपना गुब्बारा अभियान नहीं रोकेगा, चाहे किम जोंग उन कचरा वाले गुब्बारे भेजे या नहीं।
इसलिए बढ़ रहा मामला
पिछले साल, दक्षिण कोरिया के संवैधानिक न्यायालय ने 2020 के एक कानून को रद्द कर दिया था, जो प्योंगयांग विरोधी प्रचार को भेजने को अपराध मानता था, इसे मुक्त भाषण पर अनुचित प्रतिबंध कहा था। विशेषज्ञों का कहना है कि अब सरकार के पास कार्यकर्ताओं को उत्तर कोरिया में गुब्बारे भेजने से रोकने का कोई कानूनी आधार नहीं है।
दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि पिछले साल के न्यायालय के फैसले के मद्देनजर इस मुद्दे पर विचार किया जा रहा है।
दक्षिण कोरिया लेगा अब अनोखे अंदाज में बदला
वहीं, दक्षिण कोरिया ने भी फैसला किया है कि वह अब नए अंदाज में बदला लेगा। साउथ कोरिया अब उत्तर कोरिया से सटे बॉर्डर में लाउड स्पीकर लगाकर पड़ोसी देश के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने का काम करेगा। दक्षिण कोरिया के इस फैसले से दोनों देशों की बीच हालात और बिगड़ सकते हैं। इससे पहले 2015 में दक्षिण कोरिया की तरफ से ऐसा किया गया था और इससे भड़के उत्तर कोरिया ने गोले दागे थे। दक्षिण कोरिया ने भी जवाबी कार्रवाई की थी। हालांकि, किसी की मौत नहीं हुई थी। अब एक बार फिर दोनों देशों के बीच हालात बिगड़ रहे हैं।