प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) स्टाफ को संबोधित किया. पिछले दस साल के कार्यों का जिक्र करने के साथ ही आगे के कार्यकाल को लेकर भी अपना विजन क्लियर किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय को 2014 से पहले सत्ता के केंद्र के रूप में देखा जाता था. मेरा मानना है कि पीएमओ जनता के लिए है न कि मोदी के लिए.
दिल्ली: पीएमओ अधिकारियों को संबोधित करते पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, " हमने 2014 से जो कदम उठाए हैं, हमने इसे एक उत्प्रेरक एजेंट के रूप में विकसित करने का प्रयास किया है…पीएमओ को लोगों का पीएमओ होना चाहिए और यह मोदी का पीएमओ नहीं हो सकता…'' pic.twitter.com/q4hKUoXR1X
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 10, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएमओ स्टाफ से कहा, दस साल पहले देश में एक छवि बनी हुई थी कि पीएमओ शक्ति का केंद्र है. मैं बता देना चाहता हूं कि मैं ना सत्ता के लिए पैदा हुआ हूं और न शक्ति अर्जित करने के लिए सोचता हूं. अपने पहले कार्यकाल के पहले दिन से हमने प्रयास किया है कि यहां से नई ऊर्जा प्रसारित होती रहे, जो नई चमक और नई सामर्थ्य दे.
दिल्ली: पीएमओ अधिकारियों को संबोधित करते पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, " हमने 2014 से जो कदम उठाए हैं, हमने इसे एक उत्प्रेरक एजेंट के रूप में विकसित करने का प्रयास किया है…पीएमओ को लोगों का पीएमओ होना चाहिए और यह मोदी का पीएमओ नहीं हो सकता…'' pic.twitter.com/q4hKUoXR1X
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पीएमओ सेवा का अधिष्ठान होना चाहिए
पीएम मोदी ने कहा कि पीएमओ सेवा का अधिष्ठान होना चाहिए. मेरे दिल-दिमाग में 140 करोड़ लोगों के सिवाय कोई और नहीं है. मेरे लिए देश के 140 करोड़ लोग परमात्मा का रूप हैं. सरकार की बात आती है तो वो अकेला मोदी नहीं होता है, हजारों मस्तिष्क जो साथ लगे हुए हैं, हजारों भुजाएं जो इस काम को कर रही हैं, ये इसका हिस्सा हैं.
उन्होंने कहा, इसी विराट रूप का परिणाम होता है कि सामान्य मानवीय को सामर्थ्य का साक्षात्कार होता है. इससे समर्पण अपने आप समाहित हो जाता है. सरकार का मतलब सामर्थ्य, समर्पण और संकल्पों की नई ऊर्जा है. हम उन लोगों में नहीं हैं, जिनके लिए इतने बजे ऑफिस शुरू होता है, इतने बजे खत्म हो जाता है. हमारे लिए समय का कोई बंधन नहीं है. हमारे लिए सोचने की सीमाएं नहीं हैं. जो इससे परे हैं वही तो मेरी टीम हैं. उसी टीम पर देश को भरोसा है.
मेरा पल-पल देश के नाम है
पीएम मोदी ने कहा कि दस साल से बहुत सारे लोग मुझे झेल रहे हैं. कुछ हैं जो अब झेलना शुरू करेंगे, कुछ होंगे जो अब कहीं और जाना चाहते होंगे, जाने वालों को मेरी शुभकामनाएं. जो मन और भाव से अगले 5 साल खप जाना चाहता है, वो साथ आए. मेरा पल-पल देश के नाम है. मैंने 24*7 (सातों दिन और 24 घंटे) फॉर 2047 का देश से वादा किया है.
पीएमओ स्टाफ को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि किशोर वर्ग से बात करेंगे तो पाएंगे कि उनकी इच्छाएं अस्थिर होती हैं. सामान्य मानवीय इसे तरंग समझता है लेकिन जब इच्छा स्थिर हो जाती है तो वो संकल्प बन जाती है. संकल्प के परिश्रम जुड़ जाता है तो सिद्धि प्राप्त होती है. इसलिए ‘इच्छा + स्थिरता =संकल्प, संकल्प + परिश्रम =सिद्धि’ ये सूत्र है.
जहां कोई नहीं पहुंचा, वहां देश को पहुंचाना है
उन्होंने कहा कि जिस टीम ने इतना बड़ी सफलता हासिल की, उसका मन करेगा कि थोड़ी शांति मिले. मैं मानता हूं कि 10 साल जो किया है, अब उससे ज्यादा काम करना है. अब ग्लोबल बेंच मार्क पार करना है. जहां कोई नहीं पहुंचा है, वहां अपने देश को हमें पहुंचाना है. उन्होंने कहा कि इस विजय के बड़े हकदार भारत सरकार के कर्मचारी भी हैं, जिन्होंने एक विजन के लिए खुद को समर्पित कर दिया.
अब मेरा दायित्व…
10 साल जो सोचा है, उससे ज्यादा सोचने का है,
10 साल जो किया है, उससे ज्यादा करने का है।
जहां कोई नहीं पहुंचा… हमें अपने देश को वहां पहुंचाना है।पीएमओ के अधिकारियों को संबोधित करते हुए पीएम श्री @narendramodi… pic.twitter.com/dogXDrVSho
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पीएम मोदी ने कहा, मैं नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ना चाहता हूं. मैं विराम करने के लिए पैदा नहीं हुआ हूं. वही इंसान सफल होता है, जिसके भीतर का विद्यार्थी मरता नहीं है. लोग मुझसे पूछते हैं कि आप थकते क्यों नहीं हो. वो ये जानना चाहते हैं कि मैं क्या खाता हूं. उनको पता नहीं कि मैं अपने भीतर के विद्यार्थी को जिंदा रखता हूं.
सफल वो इंसान होता है जिसके भीतर का विद्यार्थी कभी मरता नहीं है….
सुनिए, पीएमओ के अधिकारियों को संबोधित करते हुए पीएम श्री @narendramodi ने और क्या कहा… pic.twitter.com/av3eiOFCAY
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