बड़ौदा के हरणी बोटकाण्ड के 10 आरोपियों की जमानत ट्रायल कोर्ट ने मंजूर कर दी। जिसके खिलाफ गुजरात सरकार ने हाई कोर्ट में रिवीजन याचिका दर्ज कराई है। सरकार की तरफ से की गई याचिका में दलील की गई है कि इस प्रकार के गंभीर अपराध में जांच अभी भी जारी होने की वजह से आरोपियों को जमानत नहीं दी जा सकती। इस याचिका पर कोर्ट ने तमाम 10 आरोपियों को नोटिस दी है। आगे की सुनवाई 24 जून को रखी गई है।
बड़ौदा के हरणी तालाब में हुए बोटकाण्ड में स्कूल के 12 बच्चों और दो शिक्षकों की जान गई थी। इस घटना में बड़ौदा नगर निगम के कर्मचारियों समेत जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी की गई थी। इस मामले में बडौदा ट्रायल कोर्ट ने 10 आरोपियों की जमानत को मंजूरी दे दी, जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में रिविजन पिटीशन दायर की है।
क्या है पूरा मामला?
बड़ौदा हरणी बोटकाण्ड के 10 आरोपियों ने पिछले दो महीनों के दौरान बड़ौदा ट्रायल कोर्ट के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी। जमानत याचिका में आरोपियों की तरफ से यह दलील रखी गई कि इस केस की जांच अब पूर्ण होने को है और उनके खिलाफ चार्ज शीट भी फाइल हो चुकी है। जिसके चलते उनको जमानत मिल सकती है। याचिका के आधार पर बड़ौदा ट्रायल कोर्ट ने पिछले दो महीनों में बोटकाण्ड के 10 आरोपियों की जमानत मंजूर कर दी।
क्या है राज्य सरकार की मांग ?
ट्रायल कोर्ट ने आरोपियों को दी हुई जमानत के खिलाफ राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में रिवीजन पिटिशन दायर की है। इस पिटीशन में सरकार ने दलील रखी है कि हरणी बोटकाण्ड में कोर्ट ने स्वयं संज्ञान लिया है और चीफ जस्टिस ने म्युनिसिपल कमिश्नर समेत के जिम्मेदार अधिकारियों के सामने कड़ी कार्यवाही करने की बात रखी थी। दूसरी तरफ ट्रायल कोर्ट ने आरोपियों को जमानत पर छोड़ दिया है, जिसके चलते पुलिस जांच में अवरोध हो सकता है। इस घटना की जांच अभी जारी होने की वजह से आरोपियों को जमानत नहीं दी जा सकती। जब तक इस केस में आखिरी निष्कर्ष ना मिले तब तक आरोपियों को जमानत पर ना छोड़ा जाए ऐसी मांग राज्य सरकार ने हाई कोर्ट समक्ष रखी है।
सरकार ने गवाहों को तोड़ने का डर जताया
बड़ौदा ट्रायल कोर्ट ने चार महिला आरोपियों की जमानत भी मंजूर की थी। गुजरात सरकार ने रिवीजन पिटिशन में कहा कि इस दुर्घटना के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं इस बात का आखरी निष्कर्ष जब तक कोर्ट में ना आए तब तक महिला आरोपियों की जमानत भी मंजूर नहीं की जानी चाहिए। अगर उनको जमानत मिलती है तो वह इस घटना के महत्वपूर्ण गवाहों को तोड़ सकते हैं। जिसके चलते तमाम आरोपियों की जमानत याचिका खारिज करने की मांग गुजरात सरकार ने हाई कोर्ट समक्ष की है।
आगे की सुनवाई
राज्य सरकार की तरफ से हाई कोर्ट में रिवीजन पिटिशन दायर होते ही हाई कोर्ट ने तमाम 10 आरोपियों को नोटिस दी है। इस मामले की आगे की सुनवाई 24 जून को रखी गई है।