पाकिस्तान की संसद में भारत की जमकर तारीफ हुई है। पाकिस्तान की सीनेट में विपक्ष के नेता और सांसद शिबली फराज ने अपनी स्पीच ने भारत की चुनावी प्रक्रिया का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि हम भारत की तरह चुनाव क्यों नहीं करा सकते? भारत में करोड़ों लोगों ने वोट दिया। इतने पोलिंग स्टेशन बने।
EVM का इस्तेमाल हुआ, लेकिन किसी ने नहीं कहा कि चुनाव में धांधली हुई। फराज ने भारत का नाम लिए बगैर यह सारी बातें कहीं। हालांकि उन्होंने भारत को दुश्मन मुल्क भी कहा, लेकिन उन्होंने हमारी चुनाव प्रक्रिया की तारीफ की और भारत की तरह पाकिस्तान में चुनाव कराए जाने की बात की। इस तरह पाकिस्तान की संसद में भारत की चर्चा हुई, जिसका वीडियो भी सामने आया है
In the Pakistani Parliament, opposition leader Shibli Faraz praised the Indian electoral process, highlighting how the world's largest democracy conducted its lengthy elections with EVMs, announced results, and transferred power smoothly without any allegations of fraud. Why… pic.twitter.com/eNnzidup3x
— Ghulam Abbas Shah (@ghulamabbasshah) June 13, 2024
नाम लिए बिना चुनावी प्रक्रिया का जिक्र किया
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सांसद और संसद में विपक्ष के नेता शिबली फराज ने भारतीय चुनाव प्रकिया की तारीफ के बहाने पाकिस्तान की चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भारत ने इतना बड़े चुनाव करा दिए। बिना किसी गड़बड़ के करा दिए। बिना किसी धांधली के चुनाव निपट गए।
परिणाम आ गया, प्रधानमंत्री ने शपथ भी ले ली। सरकार ने काम भी शुरू कर दिया। भारत हमारा दुश्मन देश है, लेकिन मैं दुश्मन देश का उदाहरण नहीं दूंगा, लेकिन हाल ही में एक देश में आम चुनाव हुए हैं। 80 करोड़ से ज्यादा लोगों ने मतदान किया। हजारों पोलिंग बूथ बनाए गए। लोगों ने बड़े उत्साह के वोट डाला। EVM का इस्तेमाल हुआ और करीब एक महीना चुनावी प्रक्रिया चली।
पाकिस्तान के चुनाव में हई थी धांधली
बता दें कि पाकिस्तान में भारत से पहले 8 फरवरी 2024 को आम चुनाव हुए थे। इस दौरान काफी हिंसात्मक घटनाएं हुईं। धांधली होने के वीडियो भी सामने आए। आखिर तक विवाद होता रहा। रिजल्ट आने से पहले साफ हो गया था कि देश में सरकार कौन बनाएगा? इमरान खान का नाम हर किसी की जुबान पर था, लेकिन पाकिस्तान की सेना ने इमरान को प्रधानमंत्री नहीं बनने दिया। इमरान के नेताओं को जबरन हराया गया। इमरान को समर्थन देने वाले निर्दलीय उम्मीदवारों के रिजल्ट में फेरबदल किया। काफी जद्दोजहद और विवादों के बीच पाकिस्तान में चुनाव परिणाम आए और शाहबाज शरीफ की सरकार बनी।