जो बाइडन ने हाल ही फैसला लिया कि अमेरिका यूक्रेन के कुछ पायलटों को F-16 फाइटर जेट चलाने की ट्रेनिंग देगा। इसकी उन्होंने घोषणा भी कर दी। साथ ही कहा कि वो बाद में उन्हें फाइटर जेट्स भी देंगे। बाइडन का यह फैसला अचानक में लिया गया फैसला लग रहा था, लेकिन असल में यह परिवर्तन महीनों की आंतरिक बहस और सहयोगी दलों के साथ चल रही गुपचुप बातचीत के बाद आया था।
बता दें कि बाइडन ने बीते हफ्ते जापान के हिरोशिमा में जी 7 समिट के दौरान घोषणा की थी कि अमेरिका ने F-16 फाइटर जेट्स की ट्रेनिंग को मंजूरी दे दी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की अमेरिका पर दबाव बना रहे थे कि वह उनकी सेनाओं को अमेरिकी निर्मित फाइटर जेट्स दें, ताकि वह अपने देश से रूस को पीछे हटा सके। रूस ने बीते 15 महीनों से यूक्रेन पर कब्जा कर रखा है।
अमेरिकी प्रशासन को इस बात की चिंता सता रही थी कि कहीं इस कदम से रूस के साथ तनाव और अधिक न बढ़ जाए। अमेरिकी अधिकारियों ने तर्क दिया था कि एडवांस F-16 फाइटर जेट्स को उड़ाना सीखना और लॉजिस्टिक सपोर्ट देना न सिर्फ मुश्किल होगा, बल्कि इसमें काफी समय भी लगेगा, लेकिन पिछले तीन महीनों में अमेरिकी प्रशासन के अधिकारियों ने अपनी राय बदल दी। उन्होंने इस बात पर विचार किया कि यूक्रेन के पायलटों को अपने देश की लंबे समय तक सुरक्षा के लिए जरूरी ट्रेनिंग और एयरक्राफ्ट की जरूरत थी। इस बात की जानकारी तीन अधिकारियों ने अपना नाम ने छापने की शर्त पर दी।
यूक्रेन को F-16 देना अचानक में लिया गया फैसला लग रहा है। दरअसल फरवरी 2023 में बाइडन ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अब यूक्रेन को F-16 की आवश्यकता नहीं है। वहीं मार्च में पेंटागन पॉलिसी के एक शीर्ष अधिकारी कोलिन कहल ने अमेरिकी सांसदों से कहा था कि भले ही राष्ट्रपति बाइडन ने यूक्रेन के लिए F-16 को मंजूरी दे दी हो, लेकिन वहां यूक्रेनी पायलटों को ट्रेन करने और एयरक्राफ्ट उपलब्ध करवाने में दो साल का समय लग सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन 8 मई को लंदन की यात्रा पर गए थे। वहां उन्होंने यूक्रेन को लेकर अपने ब्रिटिश, फ्रांसीसी और जर्मन सहयोगियों के साथ बातचीत की। इसमें F-16 पर गहन चर्चा हुई। इस बात पर चर्चा हुई कि ट्रेनिंग कैसे शुरू की जाए और कौन से देश यूक्रेन को फाइटर जेट्स देने के लिए तैयार हो सकते हैं। एक अधिकारी के मुताबिक, इस बात पर सहमति बनी कि पहले ट्रेनिंग पर ध्यान दिया जाएगा।
वापस लौटने से पहले जेक सुलिवन ने नीदरलैंड और पोलैंड के अपने समकक्षों के साथ फोन पर बात की। कहा गया कि दोनों देशों के पास F-16 हैं और भविष्य में किसी भी उपयोग के लिए वो यूक्रेन को फाइटर जेट प्रदान कर सकते हैं। अधिकारी ने बताया कि डेनमार्क भी यूक्रेन को फाइटर जेट्स उपलब्ध करवा सकता है। इसके बाद बाइडन और सुलिवन ने इस बात पर चर्चा की कि कैसे हिरोशिमा में आगामी G-7 शिखर सम्मेलन उन्हें एक अच्छा अवसर प्रदान कर सकता है। जहां वह लड़ाकू विमानों पर के लिए अपने सहयोगियों के साथ बात कर सकते हैं।